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Mahakumbh 2025 : प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम की पावन भूमि पर ब्राजील से आए श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने आज पवित्र स्नान किया। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के इस पवित्र संगम स्थल पर स्नान करने के बाद उन्होंने अपनी आध्यात्मिक यात्रा और भारत के प्रति अपने अनुभव साझा किए।
फ्रांसिस्को ने कहा, “मैं लंबे समय से योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की खोज में हूं। भारत की आध्यात्मिकता और इसकी संस्कृति मुझे बहुत प्रभावित करती है। त्रिवेणी संगम जैसे स्थानों पर आकर मैं अद्भुत ऊर्जा और शांति का अनुभव कर रहा हूं।”
त्रिवेणी संगम को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यहां स्नान करने से पापों का क्षय और आत्मा की शुद्धि होती है। फ्रांसिस्को ने बताया कि उन्होंने संगम के महत्व के बारे में भारत आने से पहले काफी पढ़ाई की थी और अब इसे स्वयं अनुभव करके वे अभिभूत हैं।
फ्रांसिस्को ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि भारत न केवल योग का जन्मस्थान है, बल्कि यह मोक्ष और आत्मिक शांति की खोज करने वालों के लिए भी एक आदर्श स्थान है।
त्रिवेणी संगम न केवल भारतीय श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि दुनियाभर के आध्यात्मिक साधकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। हर साल यहां बड़ी संख्या में विदेशी श्रद्धालु आते हैं, जो भारतीय संस्कृति और अध्यात्म को करीब से जानने का प्रयास करते हैं।
फ्रांसिस्को ने अपनी यात्रा के बारे में बताते हुए कहा कि भारत की आध्यात्मिकता ने उन्हें हमेशा आकर्षित किया है। वे यहां विभिन्न तीर्थ स्थलों की यात्रा कर रहे हैं और भारतीय गुरुओं से मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं।
फ्रांसिस्को का अनुभव यह दर्शाता है कि भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता ने विश्वभर के लोगों को अपनी ओर खींचा है। त्रिवेणी संगम पर स्नान करने का उनका अनुभव न केवल उनकी आध्यात्मिक यात्रा का एक हिस्सा है, बल्कि यह भारत की महान परंपरा और सांस्कृतिक विरासत की शक्ति को भी दर्शाता है।
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