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बालोद जिले में पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच गुंडरदेही के कोकड़ीपारा में रहने वाले 90 वर्षीय रामबाई और उनके 70 वर्षीय बेटे राजू नेताम की दयनीय स्थिति ने प्रशासनिक उदासीनता को उजागर कर दिया है।
रामबाई और राजू की जमीन के कागजात पानी में नष्ट हो गए, जिसके बाद उनकी जमीन पर किसी ने कब्जा कर उसे बेच दिया। इसके चलते उनका घर छिन गया, और अब वे नाले के किनारे खुले आसमान के नीचे रहने पर मजबूर हैं।
बुजुर्ग मां-बेटे ने जिस जगह ठिकाना बनाया है, वह कलेक्टर बंगले से महज 200 मीटर की दूरी पर है। इसके बावजूद प्रशासन ने अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं किया।
इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ठंड के बीच बुजुर्ग मां-बेटे का इस तरह खुले आसमान के नीचे रहना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है।
स्थानीय लोग प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि बुजुर्गों को तत्काल राहत दी जाए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए।
बालोद जिले में बुजुर्ग मां-बेटे की यह स्थिति प्रशासन की उदासीनता को उजागर करती है। कड़ाके की ठंड में उनकी मदद करना और उन्हें मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। उम्मीद है कि उनकी समस्या जल्द सुलझाई जाएगी
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