
चाय वाले बाबा: बिना शब्द बोले, यूपीएससी छात्रों को मार्गदर्शन करने वाला अद्वितीय गुरु...!
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के ‘चाय वाले बाबा’, जिनका असली नाम दिनेश स्वरूप ब्रह्मचारी है, प्रयागराज के महाकुंभ में एक बार फिर चर्चा का विषय बन गए हैं। पहले चाय बेचने वाले बाबा, जो अब ‘चाय वाले बाबा’ के नाम से मशहूर हो चुके हैं, पिछले 40 वर्षों से यूपीएससी के अभ्यर्थियों को नि:शुल्क मार्गदर्शन दे रहे हैं। वे छात्रों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गए हैं और उनका समर्पण देखने लायक है।
बाबा ने अपने जीवन को पूरी तरह से मौन व्रत में समर्पित किया हुआ है। वे न तो कोई शब्द बोलते हैं और न ही भोजन करते हैं। उनका जीवन सिर्फ दस कप चाय पर आधारित है। उनके मौन व्रत का उद्देश्य अपनी ऊर्जा को बचाना है, ताकि वे अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित कर सकें और उसे छात्रों तक पहुंचा सकें। वे छात्रों से इशारों और व्हाट्सएप के माध्यम से संवाद करते हैं, ताकि वे उनकी समस्याओं का समाधान कर सकें।
चाय वाले बाबा के साथ जुड़े एक छात्र राजेश सिंह ने बताया, “महाराज जी ने हमें सालों तक मार्गदर्शन दिया है। उनके मौन के बावजूद, हम उन्हें लिखित नोट्स और इशारों के जरिए समझते हैं। उनका ज्ञान हमारी समझ से परे है।” बाबा का उद्देश्य सिर्फ एक ही है – छात्रों की मदद करना और समाज में अच्छाई फैलाना।
वह न केवल यूपीएससी के छात्रों के लिए कोचिंग और अध्ययन सामग्री प्रदान करते हैं, बल्कि उनका उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग तक ज्ञान और मार्गदर्शन पहुंचाना है। उनके इस अद्वितीय जीवन की चर्चा अब न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी हो रही है।
प्रयागराज के महाकुंभ में आने के बाद, चाय वाले बाबा के प्रति लोगों का सम्मान और भी बढ़ गया है। उनका जीवन अपने आप में एक प्रेरणा है और वे यह साबित करते हैं कि मौन भी बहुत कुछ कह सकता है।
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