हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है। प्राचीन काल से पंचांग का उपयोग समय और तिथि की गणना के लिए किया जाता रहा है। पंचांग का अर्थ है, “पांच अंगों वाला”। पंचांग के ये पांच अंग हैं: वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण। यह दिन की सही जानकारी और शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करने के लिए उपयोग किया जाता है।
4 जनवरी 2025 को पौष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि और शनिवार का दिन है। इस दिन शनि देव और माता काली की पूजा का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं आज का पंचांग, शुभ-अशुभ मुहूर्त और अन्य विशेष जानकारी।
आज का पंचांग (4 जनवरी 2025)
- तिथि: पंचमी (3 जनवरी रात 11:39 से 4 जनवरी रात 10:00 तक)
- पक्ष: शुक्ल
- वार: शनिवार
- नक्षत्र: शतभिषा
- योग: सिद्धि, रवि योग
- करण: गरज (सुबह 6:15 तक), वणिज
- सूर्योदय: सुबह 7:08
- सूर्यास्त: शाम 5:27
- चंद्रमा: कुंभ राशि में
- दिशा शूल: पूर्व (पूर्व दिशा में यात्रा टालें, आवश्यक होने पर दही खाकर जाएं)
शुभ मुहूर्त (4 जनवरी 2025)
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:46 – सुबह 5:37
- अभिजित मुहूर्त: दोपहर 12:05 – दोपहर 12:45
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:28 – शाम 5:55
- विजय मुहूर्त: दोपहर 1:59 – दोपहर 2:44
- निशिता काल: रात 11:57 – प्रातः 12:52 (5 जनवरी)
अशुभ मुहूर्त (4 जनवरी 2025)
- राहुकाल: सुबह 9:50 – दोपहर 11:08
- यमगण्ड: दोपहर 1:44 – 3:01
- गुलिक काल: सुबह 7:15 – सुबह 8:33
विशेष पूजा विधि
शनिवार को शनि देव की पूजा के लिए दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शनि देव की आराधना करें।
- पीपल के पेड़ को जल अर्पित करें और उसके सात चक्कर लगाकर शनि देव की कृपा प्राप्त करें।
- सरसों के तेल में अपना चेहरा देखें और उसे किसी जरूरतमंद को दान कर दें।
- काले कुत्ते को रोटी या भोजन कराना शनि दोष से मुक्ति दिलाता है।
पंचांग का महत्व
हिंदू धर्म में पंचांग का उपयोग शुभ कार्यों की तिथि निर्धारण, व्रत-त्योहारों के समय और ग्रहों की स्थिति को समझने के लिए किया जाता है। पंचांग के माध्यम से हम वार, तिथि, नक्षत्र, योग और करण के अनुसार सही समय का चयन कर सकते हैं।
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