रायपुर: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में जांच एजेंसियों ने पूर्व मंत्री कवासी लखमा को तलब किया। इस मामले में लखमा से बीते साढ़े तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की जा रही है।
पूछताछ के प्रमुख बिंदु:
- पूर्व मंत्री पर आरोपों की जांच:
- कवासी लखमा पर शराब के अवैध कारोबार से जुड़े आर्थिक गड़बड़ी के आरोप लगे हैं।
- उनसे शराब घोटाले में पैसों के लेन-देन और जिम्मेदारी से जुड़े सवाल किए जा रहे हैं।
- परिवार पर भी सवाल:
- जांच एजेंसी ने लखमा के बेटे हरीश लखमा और करीबी सहयोगी जयंत देवांगन को भी पूछताछ के लिए बुलाया है।
- तीनों से अलग-अलग और सामूहिक रूप से पूछताछ की जा रही है।
- घोटाले की जड़:
- यह मामला शराब की अवैध बिक्री और राजस्व नुकसान से जुड़ा हुआ है।
- जांच एजेंसियां यह पता लगाने का प्रयास कर रही हैं कि इस घोटाले में किन-किन प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता है।
जांच की प्रगति:
- जांच एजेंसी ने कवासी लखमा से शराब कारोबार से जुड़े व्यावसायिक लेन-देन, घोटाले की राशि और अन्य संलिप्त व्यक्तियों की भूमिका पर सवाल किए।
- बेटे हरीश और जयंत देवांगन से भी इस अवैध कारोबार में उनकी भूमिका पर जानकारी ली जा रही है।
कवासी लखमा का बयान:
लखमा ने पूछताछ से पहले कहा, “मैं जांच में पूरा सहयोग कर रहा हूं। मुझे विश्वास है कि सच्चाई सामने आएगी। यह मामला राजनीति से प्रेरित हो सकता है।”
घोटाले का प्रभाव:
- यह घोटाला छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार से जुड़े नियमों और राजस्व प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है।
- राजनीतिक हलकों में इस मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:
- विपक्ष ने इसे कांग्रेस सरकार की विफलता करार दिया है।
- कांग्रेस के नेताओं ने इसे जांच एजेंसियों द्वारा राजनीतिक दबाव में उठाया गया कदम बताया।
शराब घोटाले की जांच में कवासी लखमा और उनके परिवार से पूछताछ महत्वपूर्ण मोड़ पर है। इससे जुड़े अन्य नामों और गड़बड़ियों का खुलासा आने वाले दिनों में हो सकता है। यह मामला राज्य की राजनीति और प्रशासनिक प्रणाली पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
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