26 January 1950 : भारतीय संविधान को संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को अपनाया था और यह 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था. संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ॰ राजेंद्र प्रसाद थे.
संविधान सभा का गठन और कार्यकाल
द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद जुलाई 1945 में ब्रिटिश सरकार ने भारत के लिए अपनी नई नीति की घोषणा की। इसके तहत भारत की संविधान सभा के गठन के लिए कैबिनेट मिशन भारत भेजा गया, जिसमें तीन मंत्री शामिल थे।
भारत के स्वतंत्र होने के बाद, संविधान सभा ने 9 दिसंबर 1947 से अपना कार्य आरंभ किया। इस सभा के सदस्य भारत के राज्यों की सभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने गए थे।
संविधान सभा में जवाहरलाल नेहरू, डॉ. भीमराव आंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद जैसे प्रमुख सदस्य शामिल थे।
सभा ने भारतीय संविधान को तैयार करने के लिए 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन में कुल 114 दिन चर्चा की। संविधान सभा की 12 बैठकें हुईं, और अंतिम दिन 284 सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर किए।
26 January 1950
भारतीय संविधान का पारित और लागू होना
26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को पारित किया, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। इस दिन भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया।
संविधान की संरचना और प्रमुख विशेषताएं
भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इसकी संरचना में निम्नलिखित भाग शामिल हैं:
- उद्देशिका (Preamble):
उद्देशिका संविधान के उद्देश्यों और आदर्शों को परिभाषित करती है। - 25 भाग:
भारतीय संविधान में वर्तमान में 470 अनुच्छेद हैं, जिन्हें 25 भागों में विभाजित किया गया है। - 12 अनुसूचियां:
संविधान में विभिन्न प्रावधानों और नियमों को स्पष्ट करने के लिए 12 अनुसूचियां जोड़ी गई हैं। - 5 अनुलग्नक (Appendices):
इनमें महत्वपूर्ण दस्तावेज और विवरण शामिल हैं, जो संविधान का हिस्सा हैं। - संशोधन:
भारतीय संविधान को समय के साथ बदलने और सुधारने के लिए अब तक 105 संशोधन किए जा चुके हैं। संसद में अब तक 127 संशोधन विधेयक पेश किए गए हैं।
संविधान निर्माण में प्रभाव
भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव भारत सरकार अधिनियम, 1935 का पड़ा। संविधान के लगभग 250 अनुच्छेद इस अधिनियम से लिए गए हैं। इसके अलावा, अन्य देशों के संविधानों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, आयरलैंड, और ऑस्ट्रेलिया के प्रावधानों को भी इसमें शामिल किया गया।
प्रमुख संशोधन
- 101वां संशोधन (2016):
वस्तु एवं सेवा कर (GST) को लागू करने के लिए किया गया, जिसने भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे को बदल दिया। - 124वां संशोधन (2019):
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (EWS) को शैक्षिक संस्थानों और नौकरियों में 10% आरक्षण प्रदान किया गया।
संविधान सभा की स्वतंत्रता और भागीदारी
संविधान सभा की बैठकों में प्रेस और जनता को भाग लेने की स्वतंत्रता थी। भारतीय संविधान के निर्माण में सभी 389 सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
भारतीय संविधान केवल कानूनों का दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों का प्रतीक है। यह स्वतंत्रता, समानता, और सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करता है।
भारतीय संविधान का निर्माण एक अद्वितीय प्रक्रिया थी, जो अब भी देश के विकास और प्रगति का मार्गदर्शक है।
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