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हाल ही में जीएसटी काउंसिल की बैठक में सेकेंड हैंड कारों पर लगने वाले जीएसटी को 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। इस बढ़ोतरी का सीधा असर यूज्ड कार मार्केट पर पड़ेगा, जिससे कई कंफ्यूजन और कैलकुलेशन सामने आए हैं। तो एक कस्टमर के लिए इसका क्या मतलब है, और यह उसकी जेब पर कितना असर डालेगा, आइए जानते हैं।
क्या बदलाव हुआ है?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगर आपने 12 लाख की कार खरीदी और उसे 9 लाख में बेचा, तो 18% जीएसटी केवल प्रॉफिट पर लगेगा, न कि पूरे कीमत पर। इसका मतलब यह है कि नुकसान पर टैक्स नहीं लगेगा, सिर्फ मुनाफे पर ही टैक्स लगेगा।
क्या असर पड़ेगा ग्राहक के बजट पर?
सेकेंड हैंड कार खरीदने पर जीएसटी की इस बढ़ोतरी का असर कस्टमर्स के बजट पर 1% तक हो सकता है। खासकर बड़ी सेकेंड हैंड कार डीलर कंपनियों जैसे कि Cars 24, Maruti True Value, Mahindra First Choice और Spinny पर इस टैक्स का प्रभाव पड़ेगा। यदि आप अपनी पुरानी कार इन डीलर्स को बेचते हैं और वे उसे रीफर्बिश कर के बेचते हैं, तो टैक्स केवल उनके प्रॉफिट मार्जिन पर लगेगा।
उदाहरण से समझें
मान लीजिए, आप Maruti True Value को अपनी पुरानी Maruti Dzire 4 लाख रुपए में बेचते हैं। आपको इसके पूरे पैसे मिल जाते हैं। फिर Maruti True Value इस कार में 10,000 रुपए खर्च करके उसे रीफर्बिश करती है और उसे 4.50 लाख रुपए में बेच देती है। अब इस पर 18% जीएसटी 9000 रुपए लगेगा।
यदि जीएसटी 12% होता, तो टैक्स 6000 रुपए होता। इस हिसाब से सेकेंड हैंड कार पर टैक्स की देनदारी में 3,000 रुपए का इजाफा हुआ है। यानी, इस Maruti Dzire की ओवरऑल वैल्यू का 1% से भी कम असर हुआ है।
निष्कर्ष
इस जीएसटी बढ़ोतरी से सेकेंड हैंड कार की कीमत पर मामूली असर पड़ेगा, जो कि लगभग 1% तक रहेगा। हालांकि, यह ग्राहकों के लिए अधिकतम 3,000 रुपए का अतिरिक्त खर्च हो सकता है, जो कार की कुल कीमत में नगण्य है।
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