
YAMUNA WATER CONTAMINATION: ‘पानी में जहर’ वाले बयान पर चुनाव आयोग का एक्शन, केजरीवाल से मांगे सबूत...
नई दिल्ली: YAMUNA WATER CONTAMINATION: चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल को यमुना नदी की कथित जहरीली स्थिति और संभावित जनसंहार के आरोपों पर सबूत पेश करने का निर्देश दिया है। भाजपा और कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने बिना किसी साक्ष्य के गंभीर और भड़काऊ बयान दिए हैं, जिससे जनता में डर और क्षेत्रीय तनाव पैदा हो सकता है। आयोग ने केजरीवाल से 29 जनवरी तक इस मामले में जवाब देने को कहा है। इसके अलावा, आयोग ने चेतावनी दी है कि ऐसे भ्रामक बयानों पर तीन साल तक की सजा हो सकती है।
चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई भाजपा और कांग्रेस की शिकायतों पर की है। भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा कि केजरीवाल ने बिना किसी प्रमाण के यह गंभीर आरोप लगाया कि हरियाणा ने जानबूझकर यमुना नदी को जहरीला बना दिया और दिल्ली जल बोर्ड के इंजीनियरों ने इसे समय पर नहीं रोका। भाजपा ने इसे चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन और भड़काऊ बयान बताते हुए कहा कि इसके परिणामस्वरूप जनता में डर और पैनिक फैल सकता है।
YAMUNA WATER CONTAMINATION: कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने भी इस मुद्दे पर सवाल उठाए और कहा कि केजरीवाल का बयान “गंभीर और गैर-जिम्मेदार” था। उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल के बयान से यमुना नदी की जहरीली स्थिति और जनसंहार की योजना को लेकर झूठा डर फैलाया गया और इसने दिल्ली और हरियाणा के लोगों के बीच क्षेत्रीय तनाव को बढ़ावा दिया।
चुनाव आयोग ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया और कहा कि इस प्रकार के बयान कानून-व्यवस्था के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और राष्ट्रीय एकता पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। आयोग ने यह भी कहा कि ऐसे बयान चुनावी प्रक्रिया की शुचिता को भंग करने वाले होते हैं। आयोग ने केजरीवाल से यह भी पूछा कि अगर यमुना नदी में जहरीला पानी था, तो उन्होंने इसे हरियाणा सरकार के सामने क्यों नहीं उठाया।
चुनाव आयोग ने केजरीवाल से यह भी कहा कि वह अपनी शिकायतों और कानूनी प्रावधानों के आधार पर इस मामले में सबूत पेश करें। आयोग ने यह स्पष्ट किया कि ऐसे भड़काऊ बयानों पर गंभीर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, जिससे तीन साल तक की सजा हो सकती है।