
यशस्वी जायसवाल को आउट देने पर बवाल, तीसरे अंपायर के फैसले पर उठे सवाल
मेलबर्न : मेलबर्न टेस्ट में भारतीय युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल को जिस तरह से आउट दिया गया, उसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है। तीसरे अंपायर शर्फुद्दौला ने टेक्नोलॉजी को नज़रअंदाज करते हुए अपने आंखों से देखे गए फैसले को सही ठहराया, जिससे जायसवाल को पवेलियन वापस लौटना पड़ा।
दरअसल, यशस्वी जायसवाल इस पारी में शानदार लय में नजर आ रहे थे और भारतीय टीम के लिए महत्वपूर्ण पारी खेल रहे थे। उन्होंने 208 गेंदों पर 84 रन बनाये, लेकिन 71वें ओवर में एक शॉट बॉल पर उनके बल्ले से गेंद नहीं लगी और विकेटकीपर के हाथों में चली गई। पहले मैदानी अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने रिव्यू लिया।
इसके बाद, तीसरे अंपायर ने स्निकोमीटर में कोई हरकत न दिखने के बावजूद कई एंगल से रिप्ले देखा और वीडियो में गेंद के दस्तानों से छूने का अनुमान लगाकर उन्हें आउट दे दिया। इस फैसले के बाद भारतीय खेमे में नाराजगी फैल गई, और बीसीसीआई के वाइस प्रेसीडेंट राजीव शुक्ला ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए। शुक्ला ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यशस्वी जायसवाल स्पष्ट रूप से नॉटआउट थे। तीसरे अंपायर को टेक्नोलॉजी के सुझाव पर ध्यान देना चाहिए था।”
इस फैसले ने क्रिकेट जगत में एक नई बहस को जन्म दिया है, और यह सवाल उठ रहा है कि क्या तकनीक के बावजूद अंपायरों को अपनी आंखों से निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए।
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