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गणतंत्र दिवस : गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन भारतीय संविधान के लागू होने और भारत को पूर्ण गणराज्य घोषित किए जाने की याद दिलाता है। इस मौके पर देशभर में कई आयोजन किए जाते हैं, जिनमें मुख्य आकर्षण राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर आयोजित भव्य परेड होती है।
इस परेड के साथ-साथ एक खास परंपरा है, जिसमें देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जनता को संबोधित करते हैं। आइए जानते हैं कि इस दिन कौन संबोधन करता है और इसका महत्व क्या है।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश के राष्ट्रपति मुख्य रूप से राष्ट्र को संबोधित करते हैं। यह संबोधन 25 जनवरी की शाम, यानी गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले किया जाता है। इस संबोधन में राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं, जिसमें देश की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य के लिए योजनाओं का जिक्र किया जाता है। यह संबोधन टीवी और रेडियो के माध्यम से पूरे देश में प्रसारित होता है।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री गणतंत्र दिवस पर परेड में शामिल होते हैं और राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं। प्रधानमंत्री का भाषण मुख्य रूप से स्वतंत्रता संग्राम, देश की प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर आधारित होता है।
राष्ट्रपति का भाषण देश के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। इसमें वे:
प्रधानमंत्री का भाषण गणतंत्र दिवस पर मुख्य रूप से देश की जनता के साथ जुड़ने और उन्हें प्रेरित करने पर केंद्रित होता है। वे देशभक्ति और राष्ट्रीय एकता के महत्व को रेखांकित करते हैं और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
“प्रिय देशवासियों,
आज हम भारत के 76वें गणतंत्र दिवस का जश्न मना रहे हैं। यह दिन हमें हमारे संविधान और लोकतंत्र की ताकत की याद दिलाता है। आज का दिन उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है, जिन्होंने अपने बलिदान से हमें स्वतंत्रता दिलाई।
हमें एकजुट होकर देश के विकास में योगदान देना चाहिए। भारत को स्वच्छ, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने का हमारा सपना तभी साकार होगा, जब हम सब मिलकर काम करेंगे।
जय हिंद!”गणतंत्र दिवस का संबोधन केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि देश के भविष्य को लेकर जनता को दिशा देने का एक अवसर है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का यह संबोधन न केवल जनता को प्रेरित करता है, बल्कि राष्ट्रीय गर्व और एकता को भी प्रोत्साहित करता है। गणतंत्र दिवस पर इन भाषणों का महत्व आने वाली पीढ़ियों को लोकतंत्र और संविधान के प्रति जागरूक करने में मदद करता है।
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