दिल्ली । क्या है ये डंकी रूट : डंकी रूट के जरिये अमेरिका में घुसपैठ करने की कोशिश करने वाले 104 भारतीय स्वदेश पहुँच चुके हैं । अमेरिका के डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने उनको डिपोर्ट कर अमेरिकी वायुसेना के विमान से भारत भेज दिया है। उसके बाद से ही डंकी रूट की चर्चा हो रही है। आखिर क्या है ये डंकी रूट ? आइये इसे समझने की कोशिश करते है –
क्या है ये डंकी रूट : जरूर जानें
डंकी रूट (Donkey Route) से विदेश यात्रा करने वालों को मानव तस्करों को अच्छी खासी रकम चुकानी पड़ती है। इसके लिए 35 से 40 लाख रुपये प्रति व्यक्ति वसूले जाते हैं। दो साल पहले डंकी रूट तब सुर्खियों में आया था, जब फ्रांस ने दुबई से निकारागुआ जा रहे
303 भारतीय यात्रियों वाले एक चार्टर विमान को मानव तस्करी के संदेह में रोक दिया था। इनमें से ज्यादातर को वापस भारत भेज दिया गया था। इस व्यवसाय से जुड़े लोगों का कहना है कि अमेरिका जाने के लिए ट्रैवल एजेंटों की ओर से तीन पैकेज दिए जाते हैं
What is this donkey root:
डंकी रूट यानी गैरकानूनी तरीके से विदेश जाने का रास्ता। इसमें लोग कई देशों से होते हुए गैरकानूनी रूप से अमेरिका, कनाडा या यूरोप में घुसने की कोशिश करते हैं । ये लोग टूरिस्ट वीजा या एजेंट्स की मदद से लैटिन अमेरिका के किसी देश (जैसे ब्राजील, इक्वाडोर, पनामा, या मैक्सिको) तक पहुंचते हैं।
वहां से जंगलों, नदियों और रेगिस्तानों के रास्ते पैदल चलकर अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर तक पहुंचते हैं। इसके बाद दलालों की मदद से अमेरिका में अवैध रूप से घुसने की कोशिश करते हैं।
कहाँ से हुई डंकी शब्द की उत्पत्ति
असल में डंकी शब्द की उत्पत्ति पंजाब के डुंकी शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है एक जगह से दूसरी जगह कूदना। डंकी रूट एक लंबा और बेहद मुश्किल सफर होता है। डंकी रूट से एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने में कई बार महीनों लग जाते हैं।
इसमें लोग अवैध तरीके से ट्रक, विमान या नाव, पैदल चलकर या जंगलों के रास्ते एक देश से दूसरे देश जाते हैं। इस दौरान उन्हें खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है।
क्यों अवैध तरीके से जाते हैं अमेरिका
दरअसल पहला पैकेज मेक्सिको बार्डर के जरिए है। ट्रैवल एजेंट मेक्सिको बॉर्डर पर पहुंचा देते हैं, जहां उन्हें अमेरिकन पुलिस पकड़ कर कैंप में ले जाती है। फिर चार-पांच दिन बाद उन्हें कोई जानकार लेने आ जाता है, तो ठीक नहीं तो छोड़ दिया जाता है लेकिन अमेरिकन पुलिस इन पर पूरी तरह निगाह रखती है।
दूसरा रास्ता पनामा के जंगलों से है, जोकि बहुत खतरनाक है। तीसरा रास्ता कनाडा के रास्ते है, क्योंकि अमेरिका में वर्क वीजा की डिमांड बहुत कम है, इसलिए लोग अवैध तरीके से ही जाते हैं। वहीं, अगर पर्यटक वीजा की बात की जाए तो किसी सिंगर के साथ शो के बहाने भी कबूतरबाजी के जरिए लोग अमेरिका पहुंचते हैं।
उत्पीड़न का हवाला देकर शरण का करते हैं दावा
बता दें कि बीते वर्ष डंकी रूट से अमेरिका जाने वाले भारतीयों के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक जो डंकी रूट अपनाकर अमेरिका गए थे, उनके परिवारों ने बताया था कि मानव तस्कर दिल्ली और मुंबई से पर्यटक वीजा पर यूएई ले जाते हैं।
वहां से उन्हें वेनेजुएला, निकारागुआ और ग्वाटेमाला जैसे कई ट्रांजिट बिंदुओं से होकर अमेरिका-मेक्सिको सीमा तक पहुंचाया जाता है। वहां इन लोगों को हैंडलर की ओर से यह भी बताया जाता है कि सीमा पार करते समय पकड़े जाने पर कैसे उत्पीड़न का हवाला देकर शरण का दावा किया जाए।
एक ट्रैवल एजेंट ने कहा कि डंकी रूट से यात्रा करने के लिए हाल के दिनों में फीस बढ़ गई है। अब अमेरिका पहुंचने के लिए 45-50 लाख रुपये खर्चने पड़ेंगे लेकिन वहां पहुंचने की कोई गारंटी नहीं होती है।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
Subscribe to get the latest posts sent to your email.