
बस्तर में कहां चल रही ठांय - ठांय : नारायणपुर में शहादत कांकेर में मुठभेड़ जारी....
बस्तर, छत्तीसगढ़: बस्तर क्षेत्र में नक्सल मोर्चे पर संघर्ष तेज हो गया है। नारायणपुर जिले में मुठभेड़ के दौरान प्रधान आरक्षक बीरेंद्र कुमार सोरी शहीद हो गए। नक्सली उनकी AK-47 रायफल लेकर फरार हो गए। इस घटना की पुष्टि बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने की है। वहीं, कांकेर जिले के अल्परस के जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है, जहां पिछले 45 मिनट से भी अधिक समय से गोलियों की आवाज गूंज रही है।
नक्सल ऑपरेशन: बड़ा अभियान चल रहा है?
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बल नक्सलियों की एक बड़ी पार्टी को घेरने की कोशिश में जुटे हैं। हालांकि, पुलिस पार्टी और अधिकारियों के बीच संपर्क नहीं हो पा रहा है। इस घटनाक्रम की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं की गई है, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।
शहीद जवान को अंतिम विदाई
प्रधान आरक्षक बीरेंद्र कुमार सोरी का पार्थिव शरीर घटनास्थल से हेलीकॉप्टर की मदद से लाया गया। पुलिस लाइन में उन्हें अंतिम सलामी दी गई। शाम चार बजे उनके गृहग्राम भरीमपानी, नरहरपुर में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया
शहीद बीरेंद्र कुमार सोरी: वीरता की कहानी
कांकेर जिले के नरहरपुर निवासी बीरेंद्र कुमार सोरी ने 2010 में नारायणपुर जिला बल में कांस्टेबल के रूप में सेवा शुरू की थी। 2018 में नक्सल ऑपरेशन में वीरतापूर्ण कार्य के लिए उन्हें हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया। उनकी शहादत ने क्षेत्र में वीरता और समर्पण की मिसाल कायम की है।
कांकेर में जारी मुठभेड़
कांकेर के अल्परस जंगलों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इस ऑपरेशन में नक्सलियों को घेरने के लिए बड़े स्तर पर अभियान चल रहा है। हालांकि, अभियान के परिणाम और नुकसान की जानकारी फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाई है।
नक्सल चुनौती पर फोकस
बस्तर क्षेत्र में नक्सल गतिविधियों को रोकने के लिए सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहे हैं। हालिया घटनाएं बताती हैं कि नक्सली अपनी गतिविधियों को तेज करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सुरक्षा बलों का प्रयास उन्हें जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है।
निष्कर्ष
बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच जारी संघर्ष में कई चुनौतियां हैं। प्रधान आरक्षक बीरेंद्र कुमार सोरी की शहादत इस संघर्ष की एक और गवाही है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान इस चुनौती का मजबूती से सामना करने पर केंद्रित है।