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UP: लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार सड़कों पर बार-बार बनने वाले गड्ढों की समस्या से स्थायी समाधान खोजने के लिए एक नई तकनीक अपनाने की तैयारी कर रही है। राज्य में पहली बार प्री-कास्ट कंक्रीट ब्लॉकों से सड़क बनाने का परीक्षण किया जाएगा। इसके लिए 29 नवंबर को यूपी पीडब्ल्यूडी और आईआईटी-कानपुर की संयुक्त बैठक में ट्रायल का स्थान और विस्तृत योजना तय की जाएगी।
UP: नई तकनीक के तहत पहले से तैयार कंक्रीट ब्लॉकों को मशीनों और क्रेनों की मदद से सड़क पर बिछाया जाएगा। ये ब्लॉक पारंपरिक बिटुमेन सतह की जगह सड़क की मुख्य लेयर बनाएंगे। पीडब्ल्यूडी ने वर्ष 2025 में गड्ढा-मरम्मत के लिए 450 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है, लेकिन अधिकारियों का मानना है कि यह तकनीक सफल हुई तो इस खर्च में बड़ी बचत संभव है।
UP: पीडब्ल्यूडी के विकास प्रमुख अशोक के. द्विवेदी ने बताया कि कंक्रीट ब्लॉक सड़कें कई व्यावहारिक फायदे देती हैं- इन्हें बिछाते ही ट्रैफिक के लिए खोला जा सकता है, जबकि सामान्य कंक्रीट सड़कों को 21 दिन की क्योरिंग चाहिए होती है। ट्रायल के दौरान ब्लॉक निर्माण केंद्र, सड़क बेस की ड्रेनेज और सही आकार-मोटाई के ब्लॉकों की स्थापना प्रक्रिया का भी परीक्षण होगा।
UP: आईआईटी-कानपुर, महाराष्ट्र में आईआईटी-बॉम्बे के साथ विकसित की गई समान सड़क के अनुभव भी साझा करेगा। अधिकारियों के अनुसार, बिटुमेन सड़कें बारिश और भारी यातायात में जल्दी खराब होती हैं, जबकि कंक्रीट ब्लॉक तकनीक अधिक टिकाऊ और तेज उपयोग के लिए उपयुक्त मानी जा रही है।
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