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UP News : लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार किसानों की समृद्धि और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। रबी सीजन 2025-26 के लिए सरकार ने 92,518 मिनीकिट वितरण और 8,385 किसान पाठशालाओं के आयोजन का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इन पहलों के जरिए किसानों को आधुनिक खेती की तकनीकों से अवगत कराया जाएगा और दलहनी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
UP News : किसानों को नई तकनीकों का प्रशिक्षण
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि योगी सरकार किसानों को ‘अन्नदाता’ मानकर उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। रबी फसलों में दलहनी फसलों का क्षेत्रफल और उत्पादन खरीफ की तुलना में अधिक होता है, और इस मौसम में कीट व रोगों का प्रकोप भी कम रहता है। हाल ही में आयोजित रबी गोष्ठी में हजारों किसानों ने आधुनिक खेती की तकनीकों की जानकारी प्राप्त की। शाही ने सुझाव दिया कि किसान बीज शोधन, जैव रसायन और राइजोबियम कल्चर का उपयोग करें, जिससे मृदा में 20-25 किलो नाइट्रोजन का स्थिरीकरण हो सकता है। इससे लागत कम होगी और उत्पादकता में वृद्धि होगी।
UP News : मिनीकिट और किसान पाठशालाओं का लक्ष्य
रबी सीजन के लिए सरकार ने 92,518 मिनीकिट, 8,385 खंड प्रदर्शन और 8,385 किसान पाठशालाओं का आयोजन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इन पाठशालाओं के माध्यम से किसानों को नवीन प्रजातियों और खेती की उन्नत तकनीकों की जानकारी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, नेशनल फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रीशन मिशन के तहत विभिन्न अनुदान योजनाएं शुरू की गई हैं। इनमें 10 वर्ष से कम अवधि के दलहनी फसलों के बीजों पर 5,000 रुपये प्रति क्विंटल, 10 वर्ष से अधिक अवधि के बीजों पर 2,500 रुपये प्रति क्विंटल, क्लस्टर प्रदर्शन पर 9,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और फसल पद्धति प्रदर्शन पर 15,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का अनुदान शामिल है।
UP News : डीबीटी के जरिए अनुदान
किसानों को बीजों पर अनुदान ‘एट-सोर्स’ प्रदान किया जाएगा, जबकि प्रदर्शन का अनुदान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से चयनित किसानों के खातों में हस्तांतरित होगा। इसके अलावा, प्रति एकड़ 4,000 रुपये का अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि किसान नई तकनीकों को अपनाकर उत्पादन बढ़ा सकें।
UP News : समृद्धि की ओर अग्रसर उत्तर प्रदेश
योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश के किसानों को सशक्त बनाने और रबी सीजन में दलहनी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। किसान पाठशालाएं और मिनीकिट वितरण न केवल आधुनिक खेती को बढ़ावा देंगे, बल्कि किसानों की आय और आत्मनिर्भरता को भी मजबूत करेंगे।