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UP News : गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर के चंपा देवी पार्क में यूपी ट्रेड शो स्वदेशी मेले का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश अब ‘बीमारू’ राज्य नहीं, बल्कि ‘उद्यम प्रदेश’ बन चुका है। उन्होंने स्थानीय व्यापारियों और उद्यमियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि स्वदेशी खरीदने से भारत का पैसा देश में रहेगा, जिससे आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा।
UP News : स्वदेशी अपनाएं, आत्मनिर्भरता बढ़ाएं
सीएम योगी ने कहा कि स्वदेशी उत्पादों को अपनाने से न केवल स्थानीय उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि देश की आर्थिक मजबूती भी बढ़ेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भारत का पैसा विदेशों में मुनाफे के रूप में जाता है, तो यह अलगाववाद और नक्सलवाद जैसी समस्याओं को बढ़ावा देता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे स्वदेशी सामान खरीदें और गिफ्ट के रूप में भी स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें। उन्होंने गोरखपुर की एक बेटी का उदाहरण देते हुए कहा कि वह मसाले बनाकर स्वदेशी उद्यम को बढ़ावा दे रही है। साथ ही, उन्होंने गाय के गोबर से बने उत्पादों को अपनाने की बात कही, जिन्हें उन्होंने मां लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक बताया।
UP News : विपक्ष पर निशाना, यूपी की प्रगति का बखान
मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2017 से पहले यूपी में उद्यम लगाना एक सपना था और अराजकता का माहौल था। लोग प्रदेश छोड़कर भागने की सोचते थे, लेकिन उनकी सरकार ने उद्यमियों के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण बनाया। आज यूपी देश का ग्रोथ इंजन बन गया है। उन्होंने बताया कि देश की 55% मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूपी में हो रही है। 2017 से पहले जहां प्रदेश में केवल 2 एयरपोर्ट थे, वहीं अब 16 एयरपोर्ट कार्यरत हैं, और जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जल्द शुरू होगा। इसके अलावा, हर जिला मुख्यालय को फोर-लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है, जिससे यूपी आत्मनिर्भरता का मॉडल बन रहा है।
UP News : भव्य आयोजन की योजना
सीएम योगी ने कहा कि यूपी ट्रेड शो स्वदेशी मेला स्थानीय उद्यमियों को वैश्विक मंच प्रदान कर रहा है। उन्होंने वादा किया कि अगले साल इससे भी बड़ा आयोजन किया जाएगा, जो स्वदेशी उत्पादों को और बढ़ावा देगा। मेले में यूपी के उत्पादों की प्रदर्शनी ने स्थानीय कारीगरों और व्यापारियों को नई पहचान दी, और यह आयोजन आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।