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UP News : लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को झांसी और चित्रकूट धाम मंडल के विधायकों के साथ मंडलवार जनप्रतिनिधि संवाद श्रृंखला के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान उन्होंने बुंदेलखंड क्षेत्र के समग्र विकास को सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता बताते हुए विधायकों से उनके क्षेत्रों की समस्याओं, जनअपेक्षाओं और विकास प्राथमिकताओं पर विस्तृत चर्चा की।
UP News : योगी ने कहा कि चित्रकूट धाम मंडल, जो भगवान श्रीराम की तपोस्थली के रूप में प्रसिद्ध है, और झांसी मंडल, जो रानी लक्ष्मीबाई की वीरगाथा से जुड़ा है, उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के केंद्र हैं। इन क्षेत्रों का समेकित विकास ‘नए उत्तर प्रदेश’ के निर्माण का आधार है। बैठक का उद्देश्य योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की जमीनी समझ के आधार पर बुंदेलखंड की चुनौतियों का प्राथमिकता के साथ समाधान करना था। मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग को निर्देश दिए कि विधायकों के साथ समन्वय कर प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता तय की जाए और उन्हें समयबद्ध, पारदर्शी व गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा किया जाए।
UP News : उन्होंने नगर विकास विभाग को भी हिदायत दी कि परियोजनाओं के प्रस्ताव तैयार करने से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन अनिवार्य रूप से लिया जाए। झांसी मंडल (झांसी, जालौन, ललितपुर) से 691 कार्यों के प्रस्ताव आए, जिनकी अनुमानित लागत 4,901 करोड़ रुपये है, जबकि चित्रकूट धाम मंडल (बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा) से 397 कार्यों के लिए 3,875 करोड़ रुपये की लागत प्रस्तावित है। इस तरह, दोनों मंडलों से कुल 1,088 कार्यों की लागत 8,776 करोड़ रुपये है। झांसी (1,916 करोड़) और बांदा (1,825 करोड़) अपने-अपने मंडलों में शीर्ष पर हैं।
UP News : इनमें ब्लॉक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी, धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग, बाईपास, आरओबी/अंडरपास, फ्लाईओवर, मेजर और माइनर ब्रिज, रोड सेफ्टी उपाय, सिंचाई अवसंरचना और पोंटून ब्रिज जैसे कार्य शामिल हैं, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देंगे। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि बुंदेलखंड में इंटरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर करने के लिए विधायकों की अनुशंसाओं को पहले चरण की कार्ययोजना में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा, “जनप्रतिनिधियों की जमीनी समझ शासन के लिए मार्गदर्शक है।
UP News : हमारा लक्ष्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उनका समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन है।” योगी ने जवाबदेही तय करने, तकनीक के उपयोग और कार्यों की गुणवत्ता पर किसी भी समझौते से इंकार किया। सीएम ने विधायकों से अपने क्षेत्रों में प्रस्तावित कार्यों की निरंतर निगरानी करने और जनभावनाओं के अनुरूप योजनाओं को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
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