
सरकार देती थी दाम और करते थे नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का काम : गुरूजी की नौकरी पर लगा ग्रहण
जशपुर। सरकार देती थी दाम और करते थे नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का काम : वो एक सरकारी शाला में शिक्षक थे। दाम सरकार देती थी और वे काम नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का कर रहे थे। गुरु जी की मोटी कमाई भी सरकारी अफसरों को नज़र नहीं आई। बाइक से चलने वाले मास्टर साहब मर्सिडीज़ वाले साहब बन गए। अकूत कमाई आई तो और भी तन गए। जिस सरकार की खाते थे उसी को गालियां तक देने पर उतारू हो गए। सोशल मीडिया में जब सब कुछ वायरल हुआ तो विभाग की तन्द्रा टूटी। बस फिर क्या था इधर तन्द्रा टूटी और उधर गुरूजी की किस्मत फूटी। अब सस्पेंड कर दिए गए हैं।
सरकार देती थी दाम और करते थे नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का काम : आखिर क्या है पूरा मामला
दरअसल नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी हर्बल लाइफ का प्रचार प्रसार करने वाले एक शिक्षक को निलंबित किया गया है। शिक्षक लगातार स्कूल से बिना अनुमति और अवकाश स्वीकृत करवाए नदारद रहते थे। इसके अतिरिक्त वह हर्बल लाइफ कंपनी का प्रचार कर रहे थे। शिक्षक के फेसबुक और इंस्टाग्राम के आधार पर प्रथम दृष्टया सही पाए जाने पर कलेक्टर रोहित व्यास में शिक्षक को निलंबित कर दिया है।
कांसाबेल में हुआ बहुत बड़ा खेल
विकासखंड शिक्षा अधिकारी कांसाबेल के प्रतिवेदन के मुताबिक ललित कुमार दिवाकर शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला गरिहादोहर विकासखंड कांसाबेल जिला जशपुर में कार्यरत था। उसने नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का प्रचार -प्रसार का मोटी कमाई कर ली। इसका पता उनके इंस्टाग्राम और फेसबुक आईडी से हुआ। उसके बाद जब विभाग के सक्षम अफसरों ने जांच की तो पाया कि वे 11 नवंबर 2024 से 30 नवंबर 2024 तक तथा 1 दिसंबर 2024 से 9 दिसंबर 2024 तक, 30 दिसंबर 2024 से 31 दिसंबर 2024 तक एवं 1 जनवरी 2025 से 4 जनवरी 2025 तक बिना पूर्व सूचना/ आवेदन के अथवा अवकाश स्वीकृत करवाए बिना विद्यालय से नदारद थे।
सक्षम अधिकारी को भी नहीं बताया
उसने सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बगैर हर्बल लाइफ कंपनी का प्रचार– प्रसार लगातार जारी रखा था। उनके फेसबुक और इंस्टाग्राम अकाउंट के अवलोकन से भी प्रथम दृष्टया इस बात की पुष्टि हुई। उसका ये कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के सर्वथा विपरीत है। जो कदाचरण की श्रेणी में आता है। इसलिए ललित कुमार दिवाकर शिक्षक शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ग़रिहादोहर विकासखंड कांसाबेल को निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कांसाबेल नियत किया गया है।
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