
स्वामी आत्मानंद स्कूलों को नहीं मिला फंड, अव्यवस्था का आलम...
रायपुर : स्वामी आत्मानंद स्कूलों को नहीं मिला फंड, स्कूलों की व्यवस्थाएं चरमराई, टेबल कुर्सी टूटने पर उसकी मरम्मत के लिए स्कूलों में नहीं है पैसे, स्कूलों मे शिक्षकों भी कमी,प्राचार्य व शिक्षक छोड़ रहे स्कूल, संविदा शिक्षकों व स्टाफ के वेतन भुगतान में भी दिक्कत आ रही , फीस नहीं लेने के कारण स्कूलों में अतिरिक्त फंड नहीं, स्कूल संचालन् के लिए शासन की राशि पर निर्भर
- फंड की कमी: स्कूलों को आवश्यक फंड नहीं मिल रहा है, जिसके कारण टेबल और कुर्सियों की मरम्मत नहीं हो पा रही है।
- शिक्षकों की कमी: स्कूलों में शिक्षकों की संख्या कम हो गई है, और कई प्राचार्य व शिक्षक संस्थान छोड़ रहे हैं।
- वेतन भुगतान में दिक्कत: संविदा शिक्षकों और स्टाफ के वेतन का भुगतान समय पर नहीं हो रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही है।
- फीस न लेने का असर: स्कूलों में फीस नहीं ली जा रही है, जिसके कारण अतिरिक्त फंड की कमी हो गई है।
- सरकारी सहायता पर निर्भरता: स्कूल संचालनों के लिए शासन की राशि पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना था, लेकिन वर्तमान में वित्तीय संकट के कारण यह योजना अपने लक्ष्यों को पूरा करने में असमर्थ दिख रही है।
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