
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह पर दिए गए फैसले पर पुनर्विचार से किया इनकार...
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह के मामले में दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करने से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस फैसले में कोई खामी नहीं है और यह पूरी तरह से कानून के अनुसार है, इसलिए इसमें हस्तक्षेप करना उचित नहीं होगा। 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को वैध मान्यता देने से मना कर दिया था और अब पुनर्विचार की याचिकाओं को भी खारिज कर दिया है।
जस्टिस बीआर गवई, सूर्यकांत, बीवी नागरत्ना, पीएस नरसिम्हा और दीपांकर दत्ता की पीठ ने यह फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह अपने पिछले फैसले पर फिर से विचार नहीं करेगा, क्योंकि वह सही और कानूनी रूप से उचित था। इसके साथ ही, कोर्ट ने समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप से मान्यता देने की मांग करने वाली समीक्षा याचिकाओं को भी खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2023 में समलैंगिक विवाह को वैध मान्यता देने से इनकार कर दिया था और इसे विधायिका का क्षेत्राधिकार बताते हुए इस पर फैसला लेने का अधिकार संसद को सौंपा था। शीर्ष अदालत की संविधान पीठ ने इस मामले में 3-2 के अनुपात में अपना निर्णय सुनाया था।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल 20 याचिकाओं के माध्यम से समलैंगिक विवाह को कानूनी मंजूरी देने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि समलैंगिक विवाह को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत लाया जाए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इसे मौलिक अधिकार के रूप में स्वीकार करने से इंकार करते हुए कहा था कि विवाह का कोई भी अधिकार बिना शर्त नहीं होता है और समलैंगिक जोड़े इसे कानूनी अधिकार के रूप में नहीं दावा कर सकते।
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