प्रयागराज : प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचे प्रसिद्ध कथा वाचक देवकीनंदन महाराज ने सनातन धर्म की रक्षा और उसके प्रचार के लिए एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी सनातनी परंपराओं को बचाना चाहते हैं, तो सभी सेनानियों को एकजुट होकर काम करना होगा ताकि पूजा-पाठ में जो असुविधाएं आती हैं, उनसे बचा जा सके।
धर्म संसद में सनातन बोर्ड की स्थापना की घोषणा
देवकीनंदन महाराज ने आगामी 27 जनवरी को होने वाली धर्म संसद में सनातन बोर्ड की स्थापना की बात की। उनका मानना है कि अगर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बोर्ड की स्थापना करते हैं, तो भारत देश भी सनातन धर्म को अपनाने वाला एक उदाहरण बन सकता है, जैसा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों में उनका अपना धर्म है।
लिविंग रिलेशनशिप पर चिंता
उन्होंने आजकल की युवा पीढ़ी के बीच बढ़ते लिविंग रिलेशनशिप के चलन पर भी चिंता व्यक्त की। उनका कहना था कि हम कोई अमेरिका या कनाडा नहीं हैं जहां बिना शादी के लिविंग रिलेशनशिप की स्वीकृति दी जाती है। उन्होंने कहा, “हम अपनी बहन और बेटियों को 18 से 20 साल तक शिक्षा, खानपान देते हैं, लेकिन फिर कुछ लोग अलग धर्म के होते हुए उनकी जिंदगी को प्रभावित कर गलत व्यवहार करते हैं, यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है!”
यह बयान समाज में धर्म और पारंपरिक मान्यताओं की रक्षा के प्रति उनकी दृढ़ता को दर्शाता है। देवकीनंदन महाराज ने अपने संबोधन में भारतीय संस्कृति और पारिवारिक मूल्यों को बचाने की आवश्यकता को फिर से रेखांकित किया।
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