
आज, 30 दिसंबर 2024, को साल की आखिरी सोमवती अमावस्या है। यह दिन हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। सोमवती अमावस्या का दुर्लभ योग तब बनता है जब अमावस्या का दिन सोमवार को पड़ता है। इस दिन व्रत और पूजा-पाठ करने से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। अगली सोमवती अमावस्या अब 2026 में होगी, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
महत्व
सोमवती अमावस्या का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही, पितरों का तर्पण और गंगा स्नान करने का विशेष फल मिलता है। यह दिन सुख-समृद्धि और परिवार की सुख-शांति के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
पूजन विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पीपल के पेड़ की पूजा करें और उसमें दूध, जल, और अक्षत अर्पित करें।
- 108 बार पेड़ के चारों ओर कच्चा सूत लपेटें और परिक्रमा करें।
- भगवान शिव को बेलपत्र, गंगाजल, दूध, और धूप अर्पित करें।
- पितरों के तर्पण के लिए दक्षिण दिशा में जल अर्पित करें।
- जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, और दान करें।
क्या करें और क्या न करें
- इस दिन किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन से परहेज करें।
- घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- इस दिन झूठ बोलने और कटु वचन कहने से बचें।
2026 तक करना होगा इंतजार
इस साल की आखिरी सोमवती अमावस्या होने के कारण भक्तों के लिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। अगली सोमवती अमावस्या 2026 में आएगी, इसलिए इस शुभ योग का लाभ अवश्य उठाएं।
सोमवती अमावस्या का यह पावन दिन आपकी जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि लेकर आए। जय भोलेनाथ!