
Shravani Mela 2025 : देवघर। झारखंड के राजकीय श्रावणी मेला-2025 के चौबीसवें दिन, रविवार को बाबा वैद्यनाथ मंदिर में भक्ति का अनुपम संगम देखने को मिला। करीब ढाई लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा वैद्यनाथ पर जलार्पण किया, जिसमें कांवरियों और भक्तों का उत्साह चरम पर रहा। शनिवार रात से ही श्रद्धालु कतार में लग गए थे, और मंदिर परिसर से बीएड कॉलेज तक लगभग 6 किलोमीटर लंबी कतार देखी गई।
Shravani Mela 2025 : मौसम का साथ, श्रद्धालुओं का जोश-
मौसम ने भी श्रद्धालुओं का पूरा साथ दिया। सुबह बादल छाए रहे, दोपहर में धूप और फिर झमाझम बारिश के बावजूद कांवरियों ने बिना रुके अपनी यात्रा पूरी की और जलार्पण के लिए कतारबद्ध रहे। लंबी कतारों के बावजूद भक्तों ने धैर्य और अनुशासन के साथ अपनी बारी का इंतजार किया।
Shravani Mela 2025 : मंदिर में विशेष व्यवस्था-
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए। सुबह 3रू05 बजे बाबा वैद्यनाथ मंदिर के गर्भगृह का पट खोला गया। प्रातरूकालीन कांचा जल पूजा और सरकारी पूजा के बाद सुबह 4.22 बजे से आम भक्तों ने जलार्पण शुरू किया। मेले के दौरान स्पर्श पूजा पर रोक होने के कारण जलार्पण अरघा के माध्यम से किया जा रहा है। रविवार और सोमवार को शीघ्र दर्शनम कूपन पर रोक का निर्णय लिया गया था, जिसके चलते सभी श्रद्धालु एक ही कतार में चार अरघा के माध्यम से जलार्पण कर रहे थे।
मुख्य अरघा मंदिर के गर्भगृह के बाहर मंझला खंड में स्थापित किया गया है, जहां सामान्य कतार और शीघ्र दर्शनम कूपन धारक भक्त जलार्पण के बाद दर्शन कर बाहर निकले। इसके अलावा, तीन बाह्य अरघा मंदिर के निकास द्वार के पास नीर कुंड के निकट लगाए गए हैं, जो असहाय और कम समय में जलार्पण की इच्छा रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए हैं। इन अरघाओं का जल पाइपलाइन के माध्यम से नीर कुंड के रास्ते बाबा वैद्यनाथ को अर्पित किया जा रहा है।
Shravani Mela 2025 : प्रशासन की मुस्तैदी-
उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी नमन प्रियेश लकड़ा और पुलिस उपमहानिरीक्षक सह पुलिस अधीक्षक अजीत पीटर डुंगडुंग ने पूरी व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी। सुरक्षा और सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए, जिसमें 564 मजिस्ट्रेट, 9,650 पुलिस बल, 4 सीआरपीएफ कंपनी, और एनडीआरएफ की टीमें तैनात थीं। इसके अलावा, 34 अस्थाई स्वास्थ्य केंद्रों में 1,38,811 श्रद्धालुओं का इलाज किया गया। आवास के लिए कोठिया टेंट सिटी (1,500 बेड), बाघमारा टेंट सिटी (350 बेड), और आध्यात्मिक भवन (10,000 श्रद्धालु) की व्यवस्था की गई थी।
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