Shani Dev Puja : शनिवार का दिन हिंदू धर्म में शनिदेव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। शनिदेव को न्याय और कर्मफल का देवता कहा गया है, और उनकी कृपा से जीवन की समस्याओं का अंत होता है। जो भक्त शनिवार की शाम पीपल के वृक्ष के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर उनके 108 नामों का जाप करते हैं, उनके कष्ट दूर होते हैं और कुंडली से शनि दोष समाप्त हो जाता है। आइए जानते हैं शनिदेव की पूजा विधि और उनके 108 नामों के महत्व के बारे में।
शनिदेव की पूजा का महत्व
शनि देवता की पूजा न केवल शनि दोष को शांत करती है, बल्कि यह जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और सफलता लाने का मार्ग भी प्रशस्त करती है। शनिदेव की कृपा से व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्राप्त होता है। जो लोग साढ़ेसाती, ढैय्या या शनि दोष से पीड़ित हैं, उनके लिए यह पूजा विशेष फलदायी होती है।
शनिदेव की पूजा विधि
शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें:
- स्नान और तैयारी:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शनिदेव का व्रत रख रहे हैं तो इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करें। - शनि मंदिर जाएं:
किसी शनि मंदिर जाकर वहां शनिदेव की प्रतिमा में सरसों का तेल, तिल, और काले वस्त्र चढ़ाएं। - पीपल के वृक्ष की पूजा:
शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और सात बार उसकी परिक्रमा करें। - 108 नामों का जाप करें:
शनिदेव के 108 पवित्र नामों का जाप करें। इससे शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन में शुभता का संचार होता है। - आरती और दान करें:
पूजा के अंत में शनिदेव की आरती करें और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, या धन का दान करें।
शनिदेव के 108 नामों का महत्व
शनिदेव के 108 नामों का जाप उनकी पूजा का एक विशेष अंग है। इन नामों के माध्यम से भक्त शनिदेव की महिमा और उनके दिव्य गुणों का स्मरण करते हैं। यह जाप व्यक्ति को शनि की अशुभ दृष्टि से बचाता है और जीवन में शुभ फल प्रदान करता है।
कुछ महत्वपूर्ण नाम इस प्रकार हैं:
- कोणस्थ
- पिंगल
- शनिश्चर
- रौद्रांतक
- मंद
- सूर्य पुत्र
- यमाग्रज
- छायात्मज
- कृष्ण
- महाकाय
पूरा जाप शनिदेव के 108 नामों की पुस्तक या इंटरनेट स्रोत से प्राप्त कर सकते हैं।
शनि दोष और इसके उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में शनि दोष व्यक्ति के जीवन में समस्याएं और कठिनाइयां लाता है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए नीचे दिए गए उपाय अपनाएं:
- सरसों का तेल, काले तिल, काले कपड़े और लोहे की वस्तुओं का दान करें।
- जरूरतमंदों की मदद करें।
- हर शनिवार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- शनि मंत्र का जाप करें, जैसे “ॐ शं शनैश्चराय नमः।”
शनिदेव की कथा का पाठ
शनिवार को शनिदेव की कथा का पाठ करना भी लाभकारी होता है। यह कथा उनके जीवन और न्यायप्रियता की कहानियों का वर्णन करती है, जो व्यक्ति को प्रेरित करती हैं और धर्म के मार्ग पर चलने की सीख देती हैं।
शनिदेव की कृपा से लाभ
शनिदेव की पूजा और उनके 108 नामों का जाप करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। यह पूजा न केवल कुंडली से शनि दोष को समाप्त करती है, बल्कि जीवन में आने वाली बाधाओं और परेशानियों को भी दूर करती है। शनिदेव की कृपा से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति, नौकरी में सफलता और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का समाधान मिलता है।
आप भी शनिवार के दिन इन उपायों को अपनाएं और शनिदेव की असीम कृपा प्राप्त करें।
जय शनिदेव!
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