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रायपुर: शाह ने ऐसे ली थाह : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ के दौरे पर है। इस बीच, सुकमा से बड़ी खबर है। अमित शाह के बस्तर प्रवास से ठीक पहले 9 नक्सली गिरफ्तार किए गए हैं। विस्फोटक सामग्री भी बरामद हुई है।तो वहीं कांकेर के कोयलीबेड़ा थाना क्षेत्र के हेटारकेसा के पास नक्सली IED विस्फोट में एक जवान घायल हो गया। घायल जवान को एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया है। जवान के सीने और चेहरे पर जख्म के निशान बताये जा रहे हैं।
शाह ने ऐसे ली थाह : 9 अरेस्ट 5 ने किया सरेंडर
जानकारी के मुताबिक, जवान जब सर्चिंग पर निकले थे, तभी इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया। एसपी किरण चव्हाण ने इसकी पुष्टि की है। वहीं, एक नक्सली दम्पति समेत 5 हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर किया है। इनमें एक महिला व एक पुरुष नक्सली पर 8-8 लाख का इनाम घोषित है। कुल 25 लाख के इनामी नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
राष्ट्रपति का निशान छत्तीसगढ़ पुलिस को
इस बीच, अपने दौरे के पहले दिन रविवार को अमित शाह ने रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड मैदान में ‘राष्ट्रपति का निशान (प्रेसिडेंट्स कलर्स)’ प्रदान किया। सशस्त्र बलों और पुलिस संगठनों को उनकी विशिष्ट सेवाओं और अनुकरणीय कर्तव्यनिष्ठा के लिए मिलने वाला ‘राष्ट्रपति का निशान (प्रेसिडेंट्स कलर्स)’ देश का सर्वोच्च सम्मान है।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 25 साल में ही छत्तीसगढ़ के जवानों ने राष्ट्रपति का विश्वास जीता, जो बहुत बड़ा सम्मान का विषय है। देश के बहादुर बलों में एक छत्तीसगढ़ पुलिस भी शामिल है।
गृह मंत्री आगे कहा, छत्तीसगढ़ पुलिस समर्पण के साथ लोगों की सेवा कर रही है। वहीं नक्सलियों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। 31 मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ नक्सली मुक्त होगा।
हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस को यह गौरव प्रदान किया गया है। यह सम्मान राज्य पुलिस के उन अद्वितीय प्रयासों और उपलब्धियों को मान्यता देता है, जो उन्होंने नक्सलवाद और अन्य चुनौतियों से निपटने में हासिल की हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस को यह सम्मान उसकी स्थापना के केवल 24 वर्षों के भीतर प्राप्त हुआ है, जो इसे यह गौरव पाने वाले सबसे युवा पुलिस बलों में से एक बनाता है। 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद इस पुलिस बल का गठन किया गया।
इतने कम समय में उन्होंने नक्सलवाद जैसी जटिल चुनौतियों से निपटते हुए राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ पुलिस के अद्वितीय समर्पण और प्रभावशाली कार्य प्रणाली का प्रमाण है।
छत्तीसगढ़ पुलिस को क्यों मिला यह सम्मान ?
नक्सलवाद के खिलाफ संघर्ष: राज्य लंबे समय से नक्सलवाद से प्रभावित रहा है। पुलिस ने दुर्गम क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों का डटकर सामना किया है और सफलतापूर्वक शांति बहाल की है। उनके अभियानों में साहस, समर्पण और सामुदायिक सहभागिता का अनूठा मेल देखने को मिला।
सामुदायिक पुलिसिंग: राज्य पुलिस ने सामुदायिक पुलिसिंग के तहत आदिवासी युवाओं को रोजगार, शिक्षा और पुनर्वास के लिए विशेष योजनाएं चलाईं। इसके जरिए पुलिस ने आम जनता और सुरक्षा बलों के बीच विश्वास कायम किया।
आधुनिक तकनीक और विशेष बल: राज्य पुलिस ने अपराध नियंत्रण और नक्सल विरोधी अभियानों में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया। विशेष बल, जैसे डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप (डीआरजी) ने नक्सलियों के खिलाफ महत्वपूर्ण सफलता हासिल की।
शाह के रोडमैप ने दिलाई सफलता
तीन वर्ष के भीतर नक्सलवाद को समाप्त करने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संकल्प रंग ला रहा है। जनवरी 2024 में शाह ने नक्सल विरोधी मुहिम के लिए जो रोडमैप तैयार किया, उसका असर एक वर्ष के भीतर दिखा है।
जनवरी से लेकर अब तक 215 नक्सली मारे गए हैं। 874 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 787 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। गिरफ्तार व आत्मसमर्पित समेत डेढ़ हजार नक्सली ठिकाने लगा दिए गए। अब बस्तर के युवा नक्सलवाद की ओर आकर्षित न हों, इसके लिए सरकार ने उन्हें हर आधुनिक सुविधा से जोड़ने की रणनीति बनाई है।
16 दिसंबर को शाह जगदलपुर में नक्सल अभियानों में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देकर उनके स्वजन व नक्सल हिंसा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के साथ मुलाकात भी करेंगे। इसके बाद जगदलपुर में सुरक्षा कैंप का दौरा और विकास कार्यों का निरीक्षण कर जवानों के साथ भोजन करेंगे।
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