
Sawan Somwar 2025
Sawan Somwar 2025: उज्जैन। सावन मास के तीसरे सोमवार को मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। बारिश के बावजूद हजारों शिव भक्तों ने भस्म आरती में हिस्सा लिया और बाबा महाकाल के दर्शन किए। आज चतुर्थी के अवसर पर बाबा महाकाल को भगवान गणेश के स्वरूप में सजाया गया, जिससे मंदिर परिसर “जय श्री महाकाल” और “जय श्री गणेश” के जयघोष से गूंज उठा। गुजरात और महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस पवित्र नगरी में पहुंचे।
Sawan Somwar 2025: भस्म आरती और पंचामृत स्नान
महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष शर्मा ने बताया कि सावन के तीसरे सोमवार को सुबह 2:30 बजे से भस्म आरती शुरू हुई। इस दौरान बाबा महाकाल का दूध, दही, घी, शक्कर और शहद से पंचामृत स्नान कराया गया। इसके बाद भगवान गणेश के स्वरूप में बाबा का भव्य शृंगार किया गया। महानिर्वाणी अखाड़े ने बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की। चतुर्थी के दिन गणेश स्वरूप में दर्शन ने भक्तों में विशेष उत्साह भरा, और मंदिर परिसर भक्ति के रंग में सराबोर रहा।
Sawan Somwar 2025: गुजरात-महाराष्ट्र से श्रद्धालुओं का आगमन
पंडित आशीष शर्मा ने बताया कि गुजरात और महाराष्ट्र में आज से श्रावण मास का पहला सोमवार माना जाता है, क्योंकि वहां पंचांग की गणना भिन्न है। महाकालेश्वर मंदिर की पूजा पद्धति में महाराष्ट्र के पंचांग का उपयोग होता है। यही कारण है कि आज गुजरात और महाराष्ट्र से हजारों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे और बाबा महाकाल के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त किया। बारिश के बावजूद भक्तों का उत्साह अटल रहा।
Sawan Somwar 2025: बाबा महाकाल की तीसरी सवारी आज
सावन मास में बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। आज तीसरी सवारी शाम 4 बजे मंदिर से शुरू होगी और परंपरागत मार्ग से होते हुए रामघाट पहुंचेगी। इस सवारी की खासियत यह है कि बाबा महाकाल तीन स्वरूपों में दर्शन देंगे—पालकी में चंद्रमोलेश्वर, हाथी पर मनमहेश और गरुड़ पर शिव तांडव स्वरूप। सवारी में पुलिस बैंड भी शामिल रहेगा, जो इस आयोजन को और भव्य बनाएगा। रामघाट पर मां शिप्रा के जल से बाबा का पूजन-अर्चन होगा, जिसके बाद सवारी विभिन्न मार्गों से मंदिर लौटेगी।
Sawan Somwar 2025: भक्ति और श्रद्धा का केंद्र: महाकालेश्वर मंदिर
उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और सावन मास में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिर परिसर में “हर हर महादेव” और “जय श्री गणेश” के नारे गूंज रहे थे। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। यह आयोजन न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी उज्जैन की महत्ता को दर्शाता है।