
Sansad Ratna Award 2025
Sansad Ratna Award 2025: पटना। लोकसभा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 17 सांसदों और दो संसदीय समितियों को संसद रत्न पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किए गए। इस बार महाराष्ट्र से सबसे अधिक 7 सांसदों को यह सम्मान मिला, जिसमें सुप्रिया सुले, रवि किशन और निशिकांत दुबे जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। पुरस्कार विजेताओं का चयन मई 2025 में प्राइम पॉइंट फाउंडेशन द्वारा गठित जूरी समिति ने किया था।
सम्मानित सांसदों की सूची
संसद रत्न पुरस्कार 2025 के लिए चुने गए 17 सांसदों में विभिन्न दलों के नेता शामिल हैं। इनमें शामिल हैं:
भाजपा: भर्तृहरि महताब (ओडिशा), रवि किशन (उत्तर प्रदेश), निशिकांत दुबे (झारखंड), स्मिता उदय वाघ (महाराष्ट्र), मेधा कुलकर्णी (महाराष्ट्र), प्रवीण पटेल (उत्तर प्रदेश), बिद्युत बरन महतो (झारखंड), दिलीप सौकिया (असम), पी.पी. चौधरी (राजस्थान), मदन राठौर (राजस्थान)
एनसीपी (शरद पवार): सुप्रिया सुले (महाराष्ट्र)
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे): अरविंद सावंत (महाराष्ट्र)
शिवसेना: श्रीरंग अप्पा बार्ने (महाराष्ट्र), नरेश गणपत म्हास्के (महाराष्ट्र)
कांग्रेस: वर्षा गायकवाड़ (महाराष्ट्र)
क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी (RSP): एन.के. प्रेमचंद्रन (केरल)
डीएमके: सी.एन. अन्नादुराई (तमिलनाडु)
विशेष जूरी पुरस्कार
चार सांसदों को उनके लगातार तीन लोकसभा कार्यकालों (16वीं, 17वीं और 18वीं लोकसभा) में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए विशेष जूरी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ये हैं:
भर्तृहरि महताब (भाजपा, ओडिशा)
सुप्रिया सुले (एनसीपी-शरद पवार, महाराष्ट्र)
श्रीरंग अप्पा बार्ने (शिवसेना, महाराष्ट्र)
एन.के. प्रेमचंद्रन (क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, केरल)
ये सांसद 16वीं लोकसभा से लगातार शीर्ष प्रदर्शन कर रहे हैं और संसदीय लोकतंत्र में उनके योगदान को विशेष रूप से मान्यता दी गई है।
संसदीय समितियों को भी सम्मान
दो संसदीय स्थायी समितियों को उनकी उत्कृष्ट रिपोर्टों और विधायी निगरानी में योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया:
वित्त संबंधी स्थायी समिति: अध्यक्ष भर्तृहरि महताब (भाजपा, ओडिशा)
कृषि संबंधी स्थायी समिति: अध्यक्ष डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी (कांग्रेस, पंजाब)
इन समितियों ने संसद में प्रस्तुत अपनी रिपोर्टों के माध्यम से नीति निर्माण और जवाबदेही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
संसद रत्न पुरस्कार
संसद रत्न पुरस्कार प्राइम पॉइंट फाउंडेशन और ई-मैगजीन प्रीसेन्स द्वारा 2010 में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के सुझाव पर शुरू किया गया था। यह पुरस्कार सांसदों के संसद में प्रश्न उठाने, निजी सदस्य विधेयकों को पेश करने, बहस शुरू करने, उपस्थिति और कोष उपयोग जैसे प्रदर्शन मापदंडों के आधार पर दिया जाता है। चयन प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है और लोकसभा व राज्या सभा सचिवालयों के साथ-साथ पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के आधिकारिक रिकॉर्ड के आधार पर होती है।
इस वर्ष जूरी समिति की अध्यक्षता राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (NCBC) के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने की, जिसमें प्रतिष्ठित सांसदों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
महाराष्ट्र का दबदबा
इस बार महाराष्ट्र से सात सांसदों को यह सम्मान मिला, जो किसी भी राज्य में सबसे अधिक है। उत्तर प्रदेश, झारखंड और राजस्थान से दो-दो सांसदों को पुरस्कृत किया गया, जबकि ओडिशा, तमिलनाडु, केरल और असम से एक-एक सांसद को यह सम्मान प्राप्त हुआ।
पुरस्कार समारोह
15वां संसद रत्न पुरस्कार समारोह नई दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में आयोजित किया गया, जिसमें केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। प्राइम पॉइंट फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष के. श्रीनिवासन ने बताया कि यह पुरस्कार सांसदों को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रोत्साहित करने और संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने का एक प्रयास है।
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