Sagar News : सागर: राकेश यादव : कहते हैं कलयुग केवल नाम अधारा सुमर सुमर नर उतरई पारा कलयुग में जो ईश्वर का नाम लेकर आगे बढ़ता जाता है उसी की नैया पार लगती है और जो ईश्वर में लीन है
उस पर ईश्वर की असीम कृपा होती है ईश्वर किस रूप में कहां किसको केसे दर्शन देते हैं यह कोई नहीं जानता यही वाक्या सागर जिले के राहतगढ़ के
भोपाल तिराहा से एक किलोमीटर दूर टोला पठार का है जहां पर 27 जुलाई दिन शनिवार को जगत जननी मां ने दर्शन दिए और वह भी अपने सवारी और शास्त्र सहित।
दरसल पूरा मामला इस प्रकार है कि 27 जुलाई की शाम के समय भगवती कुशवाहा पति महेश कुशवाहा घर पर बैठी थी खाना बनाने की तैयारी चल रही थी अचानक उनका सर दर्द और घबराहट होने
लगी तो वह अपनी लड़की से कहने लगी कि खाना तुम बनाओ और वह कमरे में आकर लेट गई जहां पर सीसी टीवी कैमरे की एलसीडी डिस्पले लगी हुई थी तभी उनकी नजर उस तरफ पड़ी
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और उन्हें कमरे में देवी मां के दर्शन हुए तो वह एकदम चौंक गई उन्हें उन्होंने तुरंत अपनी लड़की को बुलाया और कहा कि बेटा जरा देखो तो इस में तो देवी मां नजर आ रही है
जब लड़की ने सीसीटीवी कैमरे को रिवर्स करके दिखा तो वह सभी लोग देखकर दंग रह गए गांव में ज्वाला देवी का मंदिर बहुत पुराना बना हुआ है,
जिसको ग्रामीण लोग बताते हैं कि यह मंदिर बरसों पुराना है जहां पर मां ज्वाला देवी विराजमान है और उसके पास ही लगभग 20 फुट की दूरी पर एक और 17 साल पहले मंदिर बना लिया है
जिस पर हर साल नवरात्रि को देवी जी विराजमान होती है 27 जुलाई को शाम के 6 बजकर 35 मिनट 40 सेकंड पर ज्वाला देवी मंदिर के यहां लगे वृक्षों के पत्तों का रंग अपने आप बदल जाता है
और जो पास में मवेशी घूम रहे थे चरवाहे थे वहां नहीं दिखाई देते 16 सेकंड के बाद एक धुंध सी छा जाती है उसके 2 सेकंड बाद एक विशाल आकृति ज्वाला देवी मंदिर के बाजू वाले मंदिर पर ऊपर दिखाई देती है
जिसमें साफ दिखता है कि लाल वस्त्र पहने शास्त्र और सिंह पर बैठी दुर्गा मां है लगभग ऊंचाई 30 फुट के करीब महसूस होती है पास में खड़े पेड़ भी आकृति से ढक जाते हैं और यह आकृति करीब ढाई मिनट तक दिखाई देती है
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उसके बाद धीरे-धीरे आलोप हो जाती है ग्राम वासियों ने बताया कि ज्वाला देवी का मंदिर पुराना है इस बार हम लोग यहां से जालंधर भी 101 मीटर की चुन्नी यात्रा लेकर गए थे वहीं पुजारी परशराम प्रसाद तिवारी ने कहा है कि यह बहुत प्राचीन स्थान है
जहां मातारानी साक्षात रूप में विराजमान हैं भागवती बाई कुशवाहा जो माता रानी की सेवा में सदैव रहती है उनका कहना है की माता रानी ने मुझे अनेकों बार स्वप्न में आकर दर्शन दिए
एक बार गाय के रूप में आई और रोटी खाकर घर से अचानक नजरों के सामने से ओझल हो गई ऐसी वाक्य कई बार मुझे आए जब मैं घर में अकेली रहती हूं तो वह कहती है कि बेटा चिंता मत करना मैं तुम्हारे साथ हूं फिलहाल यह एक
क्षेत्र चर्चा और का विषय बन गया है वहीं ग्राम वासियों का कहना है कि माता रानी का जैसे भी आदेश होगा हम लोग यहां भजन कीर्तन यज्ञ करवाने को तैयार रहेंगे फिलहाल मंदिर पर पूजा पाठ रामायण का कार्यक्रम जारी है ।
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