
गणतंत्र दिवस 2025: दिल्ली की झांकी पर विवाद, केजरीवाल ने केंद्र पर साधा निशाना
नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस 2025 की परेड में एक बार फिर दिल्ली की झांकी को शामिल नहीं किया गया है। इस फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार को घेरते हुए तीखा हमला बोला है। केजरीवाल ने इसे दिल्ली के सही प्रतिनिधित्व की उपेक्षा और राजनीति से प्रेरित फैसला बताया है।
दिल्ली की झांकी को बाहर रखने पर सवाल
केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली भारत की राजधानी है, और उसकी झांकी हर साल गणतंत्र दिवस परेड में होनी चाहिए। केंद्र सरकार को दिल्ली की जनता से इतनी नफरत क्यों है? यह राजनीति क्यों हो रही है?”
उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए कोई विजन नहीं है और वे केवल “आप” और उनके खिलाफ राजनीति कर रहे हैं।
झांकी अस्वीकृत होने की वजह
गणतंत्र दिवस परेड में इस साल 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों का चयन किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, दिल्ली की ओर से प्रस्तावित झांकी चयन के मापदंडों को पूरा नहीं कर पाई, जिसके कारण इसे परेड में जगह नहीं मिली।
महिला और बुजुर्गों के लिए नई योजनाओं की घोषणा
इस विवाद के बीच केजरीवाल ने दिल्ली की महिलाओं और बुजुर्गों के लिए दो नई योजनाओं का ऐलान किया:
- मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना – इस योजना के तहत महिलाओं को ₹2100 प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- संजीवनी योजना – 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जाएगी।
पंजीकरण प्रक्रिया केजरीवाल ने आसान बनाने का वादा किया है और कहा कि टीमें घर-घर जाकर पंजीकरण में मदद करेंगी।
राजनीतिक मुद्दा बना झांकी विवाद
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली की झांकी को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं किया गया। 2024 में भी दिल्ली और पंजाब की झांकियों को मंजूरी नहीं मिली थी, जिस पर काफी राजनीतिक विवाद हुआ था। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए, यह मुद्दा फिर से सत्ताधारी आप पार्टी के लिए सियासी हथियार बन सकता है।
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