Republic Day 2025 : 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन की 10 बड़ी बातें
Republic Day 2025 :
- भारत की प्राचीन सभ्यता और ज्ञान: राष्ट्रपति ने भारत को विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक बताते हुए कहा कि यह ज्ञान और विवेक का उद्गम स्थल रहा है।
- अंधकारमय दौर से उभरना: उन्होंने भारत के कठिन संघर्षों और अंधकारमय दौर से उबरने के इतिहास को रेखांकित किया।
- स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान: उन्होंने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीरों को याद किया और उनके बलिदानों का सम्मान किया।
- भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती: राष्ट्रपति ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाने की बात कही और उनके योगदान को श्रद्धांजलि दी।
- संविधान सभा का महत्व: उन्होंने संविधान सभा की संरचना को भारत के गणतांत्रिक मूल्यों का प्रतीक बताया, जिसमें सभी हिस्सों और समुदायों का प्रतिनिधित्व था।
- महिला सदस्यों की भूमिका: उन्होंने संविधान सभा में सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, सुचेता कृपलानी, हंसाबेन मेहता और मालती चौधरी जैसी 15 असाधारण महिलाओं के योगदान को सराहा।
- महात्मा गांधी की प्रेरणा: राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी के आदर्शों को देश की नैतिकता और संस्कृति का आधार बताया।
- न्याय और नैतिकता: उन्होंने कहा कि न्याय भारतीय संस्कृति और संविधान का अभिन्न अंग है, और नैतिकता जीवन का प्रमुख तत्व है।
- बाबा साहब अंबेडकर का योगदान: उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को एक मजबूत संविधान का निर्माण करने के लिए धन्यवाद दिया।
- विश्व व्यवस्था में भारत का स्थान: राष्ट्रपति ने कहा कि भारत को विश्व व्यवस्था में उचित स्थान मिला है और यह वैश्विक पटल पर अपनी मजबूत पहचान बना रहा है।
इस संबोधन में राष्ट्रपति ने भारत के गौरवशाली अतीत, गणतांत्रिक मूल्यों, संविधान की ताकत और स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को रेखांकित किया। साथ ही, उन्होंने भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रेरणा दी।
