
Ravivar Vrat
Ravivar Vrat : हिंदू धर्म में रविवार का दिन भगवान सूर्य की पूजा और उपासना के लिए विशेष महत्व रखता है। धार्मिक मान्यता है कि रविवार का व्रत रखने और सूर्य देव की पूजा करने से व्यक्ति का भाग्य सूर्य के तेज के समान चमकने लगता है। यदि आप भी अपने जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता चाहते हैं, तो रविवार का व्रत अवश्य करें। आइए जानते हैं रविवार व्रत की पूजा विधि और नियम।
सूर्य देव की पूजा विधि (Surya Dev Puja Vidhi)
- स्नान और शुद्धि:
रविवार की सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करके शुद्ध कपड़े पहनें। सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। - अर्घ्य अर्पण:
एक तांबे के लोटे में जल लें। उसमें रोली, लाल फूल, अक्षत (चावल), चीनी, और चंदन मिलाएं। इस जल से सूर्य देव को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र का जाप करें:
“ॐ घृणिः सूर्याय नमः।” - पूजा स्थान की तैयारी:
पूजा के लिए एक चौकी स्थापित करें और उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। सूर्य देव की तस्वीर या प्रतीकात्मक प्रतीमा स्थापित करें। - सूर्य देव की पूजा सामग्री:
रोली, अक्षत, सुपारी, लाल फूल, घी का दीपक, धूप, फल, और मिठाई भगवान सूर्य को अर्पित करें। - आरती और कथा:
पूजा के अंत में सूर्य देव की आरती करें और रविवार व्रत कथा का पाठ करें। कथा सुनने या पढ़ने से व्रत पूर्ण माना जाता है।
Ravivar Vrat
रविवार व्रत के नियम (Ravivar Vrat Rules)
- सूर्योदय से पहले उठें:
रविवार को सूर्योदय से पहले उठना शुभ माना जाता है। यह दिन ऊर्जा और सकारात्मकता के साथ शुरू करना चाहिए। - सफेद या पीले कपड़े पहनें:
इस दिन सफेद या पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है। काले, नीले या गहरे रंग के कपड़े पहनने से बचें। - नमक का त्याग करें:
रविवार के व्रत में नमक का सेवन वर्जित है। फलाहार करें और सात्विक भोजन ग्रहण करें। - मांस-मदिरा का त्याग:
इस दिन मांस और शराब का सेवन करना व्रत के नियमों का उल्लंघन माना जाता है। इससे सूर्य देव की कृपा नहीं मिलती। - बाल-दाढ़ी न कटवाएं:
रविवार को बाल या दाढ़ी कटवाना अशुभ माना जाता है। यह नियम व्रत करने वालों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। - तांबे की वस्तुओं की खरीद-बिक्री न करें:
इस दिन तांबे से बनी चीजों की खरीदारी या बिक्री करने से बचें, क्योंकि यह दिन सूर्य देव से जुड़ा है, और ऐसा करने से समस्याएं आ सकती हैं।
Ravivar Vrat
रविवार व्रत के लाभ
- कार्यक्षेत्र में उन्नति और सफलता।
- जीवन में मान-सम्मान और समृद्धि का आगमन।
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निवारण।
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार।
- परिवार में सुख-शांति और आपसी प्रेम बढ़ता है।
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