
Raipur News न्याय मांगता तालाब बूढ़ा तालाब.........
रायपुर : Raipur News : राजधानी रायपुर का सबसे पुराना तालाब बूढ़ा तालाब को माना जाता है रायपुर के बीचोबीच स्थित बूढ़ातालाब अपनी सौंदर्य और विशालता के लिए जाना जाता था…लेकिन इन दिनों यह तालाब अपनी सुंदरता के लिए तरस रहा है..साल दर साल सौंदर्यीकरण के नाम पर लूटा जा रहा है
और अपनी जेब गरम कर रहे हैं…साथ ही तालाब की सुंदरता और अस्मत के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है…लेकिन इस तालाब का अपना एक इतिहास है… इस विशालकाय ऐतिहासिक तालाब को बूढ़ातालाब या विवेकानंद सरोवर के नाम से जाना जाता है…
लेकिन पिछले कई वर्षों में इस को अलग अलग विभागों ने सौंदर्यीकरण के नाम पर केवल लूटा गया…एशियन न्यूज में जब जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की तो वो एक दूसरे पर दोष मढ़ते नजर आए….फिलहाल जिसके पास रख रखाव का जिम्मा है
उनका यही कहना है कि हमें तो हैंडओवर ही नहीं किया गया..सवाल यह उठता है कि जब हैंड ओवर नहीं मिला तो काम क्यों शुरू करवा।दिए…. एडिशन न्यूज़ कैसे खास रिपोर्ट में देखिए कि किस तरीके से बूढ़ा तालाब के सौंदर्य करण के नाम पर लूटा जा रहा है…
Vo 1 करीब 626 साल पुराने बने इस तालाब को राजा भुवनेश्वर ने आगे चलकर विकसित करते हुए घाट बनवाए थे.. हालांकि अब वह घाट दिखाई नहीं देते, लेकिन तालाब को विकसित करने में राजा भुवनेश्वर की महती भूमिका मानी जाती है..लेकिन विडंबना ये है
कि सरकारें चाहे जिसकी हो हर समय विकास ओर सौंदर्य करण के नाम पर इसे लूटा ही गया… बूढ़ातालाब को सुंदर बनाने के लिए सरकार करोड़ो रुपए खर्च करती है, लेकिन कचरे की सफाई न करने की वजह से पूरा पैसा पानी में डूब जाता है…
अभी भी यह मामला दो विभागों के बीच लटक कर रह गया है… दोनों विभाग एक दूसरे पर दोष बढ़ रहे हैं लेकिन दोनों विभागों ने लगातार इस तालाब को लूटने का काम किया है…यहां पर्यटकों के लिए म्यूजिकल फाउंटेन लगाए गए थे लेकिन वह कबाड़ हो गया…
पिछले एक सालों से यह खराब पड़ा है जब हमारे संवाददाता ने इसके बारे में पर्यटन मंडल के एम डी विवेक आचार्य से बात करने की कोशिश किए तो उन्होंने अपना पल्ला झड़ते जनर आए उन्होंने कहा कि पर्यटन मंडल की ओर से जो भी स्कोप ऑफ वर्क है
वह सभी किया जाएगा…लेकिन अभी तक म्यूजिकल फाउंटेन का हैंड ओवर नहीं मिला है इस लिए उसकी रखरखाव नहीं हो रहा है वहीं नगर निगम महापौर एजाज देवर ने कहा कि हमारी सरकार में बूढ़ा तालाब गुलजार था लेकिन अब वह कबाड़ हो रहा है उन्होंने कहा कि हमने काम करके दिखाया लेकिन मौजूदा सरकार बनते ही वह कबाड़ हो रहा है…
पिछले 15 साल में तीन बार म्यूजिकल फाउंटेन लगाए गए.. इस पर ही करीब 15 करोड़ रुपए खर्च हुए, लेकिन यह हर बार कबाड़ हो गया… पिछले कई सालों से यह खराब पड़ा है और कबाड़ हो रहे हैं..विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूजिकल फाउंटेन का कांसेप्ट तालाबों में सफल ही नहीं है…
फिर भी हर बार बिना सोचे समझते इसपर पैसे खर्च किए गए और पानी की तरह पैसा बहाया गया… वहीं दूसरी तरफ सरकार के बदलते ही इस तालाब की देखरेख का जिम्मा भी बदल जाता है। बीजेपी की सरकार के समय इसे पर्यटन मंडल देखता था…
कांग्रेस सरकार ने इसे स्मार्ट सिटी को दे दिया था…पांच साल में इस तालाब पर 30 करोड़ रुपए खर्च किए गए। अब फिर इसे पर्यटन मंडल के जिम्मे सौंप दिया गया है…
स्मार्ट सिटी के द्वारा किए गए अधिकतर काम खराब हो चुके हैं। अब पर्यटन मंडल इसे नए सिरे से संवारने की तैयारी कर रहा है…लेकिन सवाल यह है कि निगम मंडल कैसे रखरखाव कर रही है?
बूढ़ातालाब पर पिछले 24 साल में इस तालाब पर जमकर प्रयोग हुए… इस प्रयोग में 50 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए, लेकिन पूरा पैसा पानी में डूब गया…बूढ़ातालाब सालों-साल नगर निगम और पर्यटन मंडल के बीच झूलता रहा है…
इसलिए दोनों ही एजेंसियों ने सौंदर्याकरण पर अलग-अलग समय पर लाखों-करोड़ों खर्च किए…आज फिर बूढ़ातालाब उजाड़ होने की स्थिति में है…यहां मेंटेनेंस के नाम पर कुछ भी नहीं है और चारों ओर गंदगी फैली है… तालाब का पानी भी बिल्कुल गंदा हो गया है…
बूढ़ा तालाब पर अभी वर्तमान में चौपाटी बन रही है जिसका पुरजोर विरोध भी हो रहा है लेकिन इसके पीछे एक अलग कहानी है आपको बता दें कि..2018 में पर्यटन मंडल ने बूढ़ातालाब को 15 साल के लिए एमएमपी वॉटर स्पोर्टिंग कंपनी को सौंप दिया था…
कंपनी को यहां पर सौंदर्गीकरण का काम करना था… इसके लिए कंपनी को व्यावसायिक गतिविधि चलाने का अधिकार दिया गया था. कंपनी ने इस दौरान तालाब की वाटर बॉडी को ही पाटने का काम शुरू कर दिया। इसके बाद हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई..
ग्रीन ट्रिब्यूनल में भी मामला गया…कंपनी के खिलाफ आदेश होने पर काम रुक गया.. इस बीच प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ गई… और कांग्रेस ने स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी सौंप दी वहीं कुछ महीने पहले कंपनी ने हाई कोर्ट से कैसे जीत लिया और फिर से पर्यटन मंडल ने उसे कंपनी को कार्य
भारत सौंप दिया इसी के तहत यह चौपाटी बनाई जा रही है जिसका विरोध हो रहा है विरोध इसलिए भी हो रहा है बन रहे चौपाटी के ठीक पीछे जे आर दानी स्कूल है आगे चलकर बच्चियों को काफी परेशानी हो सकती है…
मंगलवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज खुद जाकर मौके पर जायजा लिए और कहा यह ठीक नहीं हो रहा है वही विवेक आचार्य ने कहा की चौपाटी शब्द टेंडर में नहीं है वह ऐसा दुकान है जहां कोई भी सामान खरीद बिक्री के लिए रखा जा सकता है…
बूढ़ा तालाब को शुरू से ही सौंदर्य करण के नाम पर लूट और साथ उनकी सुंदरता के साथ खेला गया आज भी यह देखा जा रहा है कि सरकार चाहे जिसकी भी हो वह अलग-अलग कंपनियों के हाथों में दे देती है
और वह कंपनियां अलग-अलग तरीके से लूटने का काम करती है लेकिन बूढ़ा तालाब का सौंदर्य करण अभी तक नहीं हो पाया है आगे देखने वाली बात यह भी होगी कि मौजूदा सरकार किस तरीके से इस तालाब के सौंदर्य के लिए काम करती है