
Raipur News
Raipur News: रायपुर। छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाने वाले प्रसिद्ध लोकगायक राजेंद्र रंगीला को जल्द ही एक और बड़ी उपलब्धि मिलने जा रही है। नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि (Honorary Doctorate) से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें छत्तीसगढ़ की लोक परंपरा, सांस्कृतिक विरासत और गीत-संगीत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए दिया जा रहा है।
Raipur News: कुटेशर गांव से अंतरराष्ट्रीय पहचान तक का सफर
आरंग तहसील के छोटे से गांव कुटेशर में जन्मे राजेंद्र रंगीला ने अपनी सधी हुई आवाज और छत्तीसगढ़ी लोकगीतों के प्रति अटूट समर्पण से न सिर्फ प्रदेश, बल्कि देश और विदेशों में भी छत्तीसगढ़ की संस्कृति को नई पहचान दिलाई है। उनके गीतों ने छत्तीसगढ़ के रीति-रिवाजों, त्योहारों और जनजीवन को प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया है।
Raipur News: पहले भी मिल चुके हैं कई बड़े सम्मान
राजेंद्र रंगीला को उनकी कला और सांस्कृतिक योगदान के लिए पहले भी कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। भारत सरकार की ओर से उन्हें अम्बेडकर फैलोशिप राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ था। वहीं, छत्तीसगढ़ शासन ने भी 6 नवंबर 2024 को उन्हें गुरुघासीदास राज्य अलंकरण से सम्मानित किया था।
Raipur News: लोकगायक से सांस्कृतिक दूत तक
राजेंद्र रंगीला आज केवल एक गायक नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति के दूत बन चुके हैं। अब डॉक्टरेट की मानद उपाधि उनके योगदान की आधिकारिक मान्यता बनकर सामने आई है, जो न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि समूचे लोकसंगीत जगत के लिए गर्व की बात है।
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