
कांग्रेस पार्टी की संगठनात्मक नियुक्तियों में लेटलतीफी के चलते कार्यकर्ताओं और नेताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। 30 संगठनात्मक जिलों में नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति का इंतजार अभी भी जारी है। दिल्ली से अब तक इस संबंध में कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिले हैं, जिससे कार्यकर्ताओं में बेचैनी बढ़ रही है।
नए अध्यक्षों की नियुक्ति पर नजरें टिकीं
कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की निगाहें इन नियुक्तियों पर टिकी हुई हैं। पार्टी के भीतर सभी को उम्मीद है कि जल्द ही नए नामों की घोषणा होगी।
बीजेपी की तेजी से बढ़ा दबाव
भाजपा द्वारा अपने नए जिला अध्यक्षों की सूची जारी करने के बाद कांग्रेस पर भी दबाव बढ़ गया है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मानते हैं कि देरी से संगठन को नुकसान हो सकता है।
30 जिलों में तैयारियां जारी
राज्य के 30 संगठनात्मक जिलों में नए अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए चर्चा और तैयारियां जारी हैं। कांग्रेस नेतृत्व यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि नियुक्तियों में सभी जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों का संतुलन बना रहे।
कार्यकर्ताओं में बढ़ी बेचैनी
कार्यकर्ता नई नियुक्तियों को लेकर उत्साहित हैं लेकिन देरी के कारण निराशा भी है। कई जिलों में पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा की संगठनात्मक सक्रियता के मुकाबले अपनी स्थिति को लेकर चिंतित हैं।
कांग्रेस की इन नियुक्तियों पर सभी की नजरें टिकी हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी भाजपा के दबाव को किस तरह संतुलित करते हुए अपने संगठन को मजबूत बनाती है।