
Quick Watering System
Quick Watering System : भोपाल : भोपाल रेलवे स्टेशन में लगेगा क्विक वाटरिंग सिस्टम ट्रेनों में यात्रियों को नहीं होगी पानी की किल्लत रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म 3, 4 व 5 पर क्विक वॉटरिंग सिस्टम शुरू किया जा रहा अभी प्लेटफॉर्म नंबर-1 व 2 पर यह सुविधा
इससे दो दर्जन बोगियों वाली ट्रेन में भी महज 8 मिनट में पानी भर जाएगा नए क्विक वॉटरिंग सिस्टम का फायदा दिल्ली व रतलाम की तरफ जाने वाली ट्रेनों को मिलेगा इसी साल अक्टूबर से स्टेशन के तीन प्लैटाफार्मों पर शुरू हो जाएगी यह सुविधा
यात्रियों को ट्रेनों में गंदे चादर तकिया कंबल मिलने की समस्या भी होगी दूर भोपाल स्टेशन की लॉन्ड्री की निगरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कराई जाएगी
क्विक वाटरिंग सिस्टम एक आधुनिक कृषि तकनीक है जिसका उद्देश्य फसलों को कुशलतापूर्वक और समय पर पानी प्रदान करना है। यह सिस्टम कई प्रकार के होते हैं और आम तौर पर इन्हें पानी की बचत और फसलों की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके मुख्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
1. ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation)
- सिस्टम: पानी को सीधे पौधों की जड़ों के पास छोटे-छोटे टपकाव ड्रिपर्स के माध्यम से पहुंचाया जाता है।
- फायदे: यह विधि पानी की बचत करती है, मिट्टी की कटाव को कम करती है, और पौधों को आवश्यक मात्रा में पानी देती है।
2. स्प्रिंकलर इरिगेशन (Sprinkler Irrigation)
- सिस्टम: पानी को छिड़काव के माध्यम से पौधों पर वितरित किया जाता है, जैसे कि बारिश होती है।
- फायदे: यह बड़े क्षेत्रों में समान रूप से पानी वितरित करता है और जड़ी-बूटियों और बीमारियों के नियंत्रण में मदद करता है।
3. सबसर्ड इरिगेशन (Subsurface Irrigation)
- सिस्टम: पानी को मिट्टी के नीचे पाइपों के माध्यम से आपूर्ति किया जाता है।
- फायदे: मिट्टी की सतह को सूखा बनाए रखता है और पानी की हानि को कम करता है।
4. मिस्टिंग सिस्टम (Misting System)
- सिस्टम: पानी को छोटे-छोटे कणों में हवा में छिड़कने के लिए उपयोग किया जाता है।
- फायदे: यह पौधों के आसपास की नमी को बढ़ाता है और गर्मी को नियंत्रित करता है, विशेषकर हॉट हाउस और ग्रीनहाउस में।
क्विक वाटरिंग सिस्टम के लाभ:
- पानी की बचत: जलवायु परिस्थितियों और फसल की जरूरतों के अनुसार पानी की मात्रा को सही तरीके से नियंत्रित किया जा सकता है।
- समय की बचत: स्वचालित सिस्टम के कारण किसानों को बार-बार पानी देने की आवश्यकता नहीं होती।
- फसल की गुणवत्ता में सुधार: पौधों को आवश्यक मात्रा में पानी प्राप्त होता है, जिससे फसल की वृद्धि और गुणवत्ता में सुधार होता है।
- श्रम की कमी: स्वचालित सिस्टम की वजह से कृषि श्रम की आवश्यकता कम होती है।
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