
राष्ट्र के नाम संबोधन में बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, न्याय हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग….
नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश विश्व समुदाय में अपना उचित स्थान हासिल करने में सफल रहा है। उन्होंने इस अवसर पर सबसे पहले उन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान की आहुति दी। राष्ट्रपति ने कहा कि इस वर्ष हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं, जो हमारे इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि हमारे देश ने वैश्विक व्यवस्था में अपनी स्थिति को मजबूती से स्थापित किया है। उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्होंने देश को एक मजबूत और दूरदर्शी संविधान दिया, जो आज भी हमारे जीवन का मार्गदर्शन कर रहा है। इसके साथ ही, राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि न्याय हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है और हमारे संविधान में इसका विशेष स्थान है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि हमारे देश का सौभाग्य था कि यहां महात्मा गांधी जैसे महान नेता हुए, जिनकी विचारधारा ने न केवल भारत को स्वतंत्रता दिलाई, बल्कि विश्वभर में अहिंसा और सत्य के प्रति विश्वास को भी मजबूत किया। संविधान सभा में विभिन्न समुदायों का प्रतिनिधित्व था, जो हमारी विविधता और एकता का प्रतीक है।