Premanand Maharaj : डेस्क न्यूज। लड्डू गोपाल भगवान श्री कृष्ण का बाल स्वरूप माना जाता है। अधिकतर घरों में बाल गोपाल की मूर्ति स्थापित होती है। इनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, धन-वैभव आता है। लड्डू गोपाल की सेवा बिल्कुल अपने बच्चे के समान की जाती है। इसलिए शास्त्रों में बताए गए नियमों का जरूर पालन करना चाहिए। शुद्ध , स्वच्छ विधि के द्वारा की बाल गोपाल की सेवा करना चाहिए। लेकिन इस बात को कभी नहीं भूलना चाहिए कि वह प्रभु, परमात्मा है। प्रभु की पूजा करते समय कुछ ऐसा गलतियां कर देते हैं जिसका असर आपकी कुंडली से लेकर जीवन पर बुरा पड़ सकता है। प्रेमानंद महाराज ने बाल गोपाल की सेवा करने के काफी साधारण नियम बताएं है। जिनका पालन करने जातक कान्हा की कृपा पा सकता है। आइए जानते हैं प्रेमानंद महाराज से किस एक गलती को करने से जीवन में परेशानियां आ सकती है…
Premanand Maharaj : रात को जरूर उतार दें बाल गोपाल का माला-
प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रहा है। जिसमें वह बाल गोपाल को श्रृंगार के विषय में बता रहे हैं। प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि अगर आपके घर पर बाल गोपाल विराजमान है और आपने सुबह कल का पहना हुआ माला देख लिया, तो तुम्हारे सारे पुण्य नष्ट हो सकते हैं। वह माला फूल, तुलसी या फिर अन्य चीज का हो सकता है। लेकिन अगर आपने कान्हा को सुलाते समय इन्हें उतारा नहीं अर्थात तुम सेवा में प्रमाद करते हो। इसलिए सुबह बाल गोपाल का श्रृंगार किया है, तो उन्हें रात को सुलाने से पहले इन्हें उतार दें। ऐसा न करने से आपके पुण्य के साथ सुखी जीवन भी नष्ट हो जाएगा।
Premanand Maharaj : बाल गोपाल की सेवा का न करें दिखावा-
आज के समय में कई लोग अपने बाल गोपाल की सेवा करते समय सोशल मीडिया में डाल देते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं भागवत में पढ़कर देखें। जिसमें देवकी वासुदेव जी से भगवान कहते हैं कि मेरे चतुर्भुज रूप दिखाने का कारण यह है कि जब मैं बाल रूप धारण करूंगा, तो तुम मेरी महिमा नहीं जान पाओगे। इस रूप से जानो कि मैं तुम्हारा पुत्र बनने जा रहा हूं, लेकिन मैं परब्रह्म, परमात्मा भी हूं। इसी का ध्यान रखते हुए हमें गोपाल जी में ब्रह्म भाव और पुत्र भाव दोनों भाव रखना चाहिए। देवकी वासुदेव जी ने उनकी स्तुति की। गोपाल जी अखिल ब्रह्मांड के स्वामी और पिता हैं। जब हम प्रभु से प्रेम करते हैं, तो पूरा प्रेम उन्हीं के प्रति आता है। इसलिए यह भाव रखना जरूरी है कि लड्डू गोपाल केवल लड्डू गोपाल नहीं हैं, बल्कि सारे जगत के स्वामी भी हैं।
Premanand Maharaj : भक्ति में यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अपने अनुभवों और गोपाल जी की कृपा को सार्वजनिक करना अहंकार बढ़ाता है। असली भक्ति में दैन्य आता है, अहंकार नहीं। यदि कोई कहे कि गोपाल जी बहुत सुख देते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं कि हमारी भक्ति असली है। इसलिए अपनी भक्ति और प्रभु के साथ संबंध को छुपाना चाहिए। कुछ चीजें जैसे ठाकुर जी का स्नान, श्रृंगार, भोग या दुलार की लीला दिखाना भक्ति बढ़ाने के लिए ठीक है, लेकिन व्यक्तिगत अनुभव, प्रभु के साथ खेल या प्रेम दिखाना नहीं चाहिए।
Premanand Maharaj : अपने पुत्र या प्रभु के प्रति जो प्रेम और सेवा है, उसे सार्वजनिक करना नहीं चाहिए। जैसे अपने पुत्र को दूध पिलाते समय या भोजन कराते समय वीडियो नहीं बनाते, वैसे ही अपने ठाकुर के साथ भी भोग और दुलार छुपाकर रखना चाहिए। असली भक्ति छिपाने वाली होती है, प्रदर्शन करने वाली नहीं। इस प्रकार शांत एकांत भाव से प्रभु को अपना मानना चाहिए- चाहे पुत्र, पति, पिता, स्वामी या मित्र रूप में। जो हम अपना मानते हैं, उसे प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।
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