नई दिल्ली: PADMA AWARDS 2025: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है। गृह मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक, इस वर्ष गोवा की 100 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई, मध्य प्रदेश की उद्यमी सैली होल्कर, मराठी लेखिका मारुति भुजंगराव चितमपल्ली, पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास सहित 30 महान हस्तियों को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
नगालैंड के फल किसान एल हैंगथिंग और पुडुचेरी के वादक पी दत्चनमूर्ति को भी पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाली प्रमुख हस्तियों की सूची में कई अन्य नाम भी शामिल हैं, जिनमें सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यकार, कलाकार और विद्वान शामिल हैं।
PADMA AWARDS 2025: पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त हस्तियां:
- मध्यप्रदेश की सामाजिक उद्यमी सैली होल्कर
- गोवा की स्वतंत्रता सेनानी लीबिया लोबो सरदेसाई
- पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र दास
- कुवैत की योग साधिका शेखा एजे अल-सबा
- उत्तराखंड के ट्रैवल ब्लॉगर दंपती ह्यूग और कोलीन गैंटजर
- बिहार की निर्मला देवी (सुजनी कढ़ाई कला की वैश्विक देवी)
- नगालैंड के फल किसान एल हैंगथिंग
- पुडुचेरी के वादक पी दत्चनमूर्ति
- मराठी लेखक मारुति भुजंगराव चितमपल्ली
- दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला
- भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश
- सिक्किम के ‘नेपाली गीतों के गुरु’ नरेन गुरुंग
- हरिमन शर्मा (बिलासपुर के सेब किसान)
- जोनास मासेटी (ब्राजील के वेदांत गुरु)
- हरियाणा के कैथल निवासी हरविंदर सिंह (दिव्यांग तीरंदाज)
- निमाड़ी-खरगोन के हिंदी लेखक जगदीश (निमाड़ी गद्य साहित्य की स्थापना की)
- भेरू सिंह चौहान (निर्गुण भक्ति के भेरू)
- नशा मुक्ति की नायिका जुमदे योमगाम गामलिन
- उस्ताद वेंकप्पा अंबाजी सुगातेकर (गोंधली के घुमंतू गुरु)
PADMA AWARDS 2025: विस्तार से:
- लीबिया लोबो सरदेसाई: गोवा के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सरदेसाई ने 1955 में पुर्तगाली शासन के खिलाफ जंगली इलाकों में भूमिगत रेडियो स्टेशन ‘वोज दा लिबरडाबे (स्वतंत्रता की आवाज)’ की सह-स्थापना की थी।
- निर्मला देवी: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की निर्मला देवी को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। उन्हें सुजनी कढ़ाई कला की वैश्विक देवी भी कहा जाता है।
- गोकुल चंद्र डे: पश्चिम बंगाल के ढाक वादक गोकुल चंद्र डे ने 150 महिलाओं को प्रशिक्षित किया और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के हल्के संस्करण तैयार किए। उन्होंने पंडित रविशंकर और उस्ताद जाकिर हुसैन जैसे उस्तादों के साथ मंच साझा किया है।
- सैली होल्कर: महिला सशक्तिकरण की समर्थक सैली होल्कर ने मध्य प्रदेश के महेश्वर में पारंपरिक बुनाई तकनीकों को पुनर्जीवित किया और 300 साल पुरानी बुनाई विरासत को आगे बढ़ाया।
- डॉ. नीरजा भटला: दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला को गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की पहचान और प्रबंधन के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
- नरेन गुरुंग: सिक्किम के ‘नेपाली गीतों के गुरु’ नरेन गुरुंग को लोक संगीत संरक्षण और प्रदर्शन के लिए पद्मश्री दिया गया है।
- भीम सिंह भावेश: भोजपुर के सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश को उनके द्वारा मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए किए गए अथक प्रयासों के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
- पी. दत्चनमूर्ति: पुडुचेरी के वादक पी. दत्चनमूर्ति को दक्षिण भारतीय संगीत और संस्कृति के लिए किए गए योगदान के लिए पद्मश्री दिया गया है।
PADMA AWARDS 2025: वीरता पुरस्कारों का ऐलान:
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के 93 कर्मियों को वीरता पुरस्कारों की मंजूरी दी है। इसमें दो कीर्ति चक्र, 14 शौर्य चक्र, एक सेना पदक बार और 66 सेना पदक सहित कई अन्य सम्मान शामिल हैं। इसके अलावा, 305 रक्षा अलंकरणों को भी मंजूरी दी गई, जिसमें परम विशिष्ट सेवा पदक, युद्ध सेवा पदक और विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं।