Naxalites Surrender : दंतेवाड़ा। बस्तर संभाग में नक्सलवाद के सफाए की दिशा में सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता मिली है। दंतेवाड़ा में आज 37 नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक के सामने आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया है। ये सभी लोन वर्राटू अभियान से प्रेरित होकर मुख्यधारा में लौट रहे हैं।
Naxalites Surrender : बस्तर, जो पिछले चार दशकों से नक्सली आतंक का केंद्र रहा है, अब तेजी से शांतिपूर्ण भविष्य की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। हिड़मा और बसवराजू जैसे टॉप कमांडरों के मारे जाने के बाद नक्सल संगठन की कमर टूट चुकी है। बीते डेढ़ वर्ष में सुरक्षा बलों ने 13 से अधिक बड़े नक्सली लीडरों को ढेर किया है, जिससे संगठन में लगातार भगदड़ मची हुई है। हिड़मा की मौत के बाद संगठन में नेतृत्व का अभाव पैदा हो गया है।
Naxalites Surrender : भूपति और रूपेश जैसे कुख्यात कमांडरों के आत्मसमर्पण से नेटवर्क और कमजोर हुआ। हाल ही में चैतू ने भी हथियार डाल दिए, वहीं आंध्र-तेलंगाना ज़ोन के कई प्रभावी नक्सली भी सरेंडर कर चुके हैं। अब बस्तर में सिर्फ 8-9 बड़े नक्सली लीडर जैसे देवजी, गणपति, मिशिर बेसरा, पापा राव, गणेश उइके और बारसे देवा ही सक्रिय बचे हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार यदि ये भी सरेंडर कर दें, या मुठभेड़ में मारे जाएं, तो बस्तर से नक्सलवाद का पूरी तरह अंत लगभग तय माना जा रहा है।
Discover more from ASIAN NEWS BHARAT - Voice of People
Subscribe to get the latest posts sent to your email.






