Navratri 2024 : नवरात्रि का पर्व आज से शुरू हो गया है, और बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के दर्शन के लिए भक्तों का आना शुरू हो गया है। आज नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री के स्वरूप की पूजा की जाएगी, साथ ही भक्त मनोकामना दीप जलाएंगे।
मां दंतेश्वरी का मंदिर
स्थान: जगदलपुर, छत्तीसगढ़
मान्यता: यहां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है और श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
पूजा विधि
घटस्थापना: नवरात्रि की शुरुआत में घटस्थापना की जाती है, जिसमें कलश स्थापित किया जाता है।
मां शैलपुत्री की पूजा:
मां शैलपुत्री की विशेष पूजा विधि के अनुसार, भक्त सुबह स्नान करके पूजा स्थल को सजाते हैं।
मां की मूर्ति या चित्र को सिंदूर से तिलक कर लाल रंग के पुष्प अर्पित करते हैं।
उन्हें फल और मिठाई का भोग अर्पित करते हैं और घी का दीप जलाते हैं।
मां शैलपुत्री का महत्व
मां शैलपुत्री, जिन्हें देवी पार्वती भी कहा जाता है, का जन्म हिमालय के राजा हिमवान और रानी मैनावती के घर हुआ था। उनकी पूजा से जीवन में स्थिरता और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति आती है।
विशेष ध्यान
आज के दिन किसी एक कुंवारी कन्या को भोजन कराना शुभ माना जाता है।
महिलाएं नारंगी या सफेद साड़ी पहनकर पूजा करती हैं।
इस प्रकार, नवरात्रि का पहला दिन विशेष रूप से मां शैलपुत्री की आराधना का दिन है, जो भक्तों को सुख और समृद्धि प्रदान करता है।
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