
Mysterious Shiva Temple
Mysterious Shiva Temple : डेस्क न्यूज। भारत में भगवान शिव को ‘नारी वंद्य’ देवता माना जाता है, जिनकी पूजा में महिलाओं की भक्ति का विशेष महत्व है। सावन के पवित्र महीने में लाखों महिलाएं व्रत और पूजा-अर्चना कर भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में कुछ ऐसे शिव मंदिर हैं, जहां प्राचीन परंपराओं और तांत्रिक मान्यताओं के कारण महिलाओं को शिवलिंग का जलाभिषेक करने की अनुमति नहीं है? ये परंपराएं नारी विरोधी नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और ऊर्जा संतुलन पर आधारित हैं। तो आइए, जानते हैं भारत के उन पांच रहस्यमय शिव मंदिरों के बारे में, जहां महिलाओं को अभिषेक की अनुमति नहीं है।
1. कालभैरव मंदिर, उज्जैन (मध्य प्रदेश)-
उज्जैन का कालभैरव मंदिर भगवान शिव के रौद्र रूप भैरवनाथ को समर्पित है। यहां शिवलिंग की पूजा विशेष तांत्रिक पद्धति से होती है, और भैरवनाथ को मदिरा चढ़ाई जाती है। मान्यता है कि इस मंदिर में शिव की उग्र ऊर्जा इतनी प्रबल है कि स्त्री-ऊर्जा के समीप आने से संतुलन बिगड़ सकता है। इसलिए, महिलाएं यहां केवल दर्शन कर सकती हैं, लेकिन शिवलिंग का जलाभिषेक नहीं कर सकतीं।
2. कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी (असम)-
हालांकि कामाख्या मंदिर मुख्य रूप से शक्ति की अधिष्ठात्री देवी को समर्पित है, लेकिन यहां शिव की पौराणिक ऊर्जा की उपस्थिति भी मानी जाती है। तांत्रिक परंपराओं के अनुसार, इस मंदिर में स्त्री और पुरुष ऊर्जा का संतुलन साधना के लिए महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि महिलाओं को यहां शिवलिंग का अभिषेक करने की अनुमति नहीं है, ताकि आध्यात्मिक संतुलन बना रहे।
3. मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, श्रीशैलम (आंध्र प्रदेश)-
श्रीशैलम का मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग देश का एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है, जहां शिव और शक्ति की संयुक्त पूजा होती है। लेकिन मंदिर के आंतरिक गर्भगृह में, जहां शिवलिंग स्थापित है, महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। मान्यता है कि यह स्थान तीव्र साधना का केंद्र है, जहां केवल पुरुष साधक ही ऊर्जाओं को संभाल सकते हैं। इस कारण महिलाएं यहां जलाभिषेक नहीं कर सकतीं।
4. भूतनाथ मंदिर, मंडी (हिमाचल प्रदेश)-
हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित भूतनाथ मंदिर अत्यंत प्राचीन और रहस्यमय है। यहां भगवान शिव को भूतों के नाथ के रूप में पूजा जाता है। मंदिर में रात्रिकालीन पूजा और रौद्र साधनाएं होती हैं, जो स्त्रियों के लिए उपयुक्त नहीं मानी जातीं। इस मान्यता के चलते महिलाओं को शिवलिंग का अभिषेक करने से रोका जाता है, हालांकि दर्शन की अनुमति है।
5. केदारनाथ मंदिर, उत्तराखंड-
उत्तराखंड का केदारनाथ मंदिर बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहां महिलाएं दर्शन तो कर सकती हैं, लेकिन मुख्य शिवलिंग का पारंपरिक जलाभिषेक केवल मंदिर के पुजारी ही करते हैं, और यह परंपरा पुरुषों तक सीमित है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, केदारनाथ में शिव कठोर तपस्या की मुद्रा में हैं, और इस तीव्र ऊर्जावान वातावरण में महिलाओं को अभिषेक की अनुमति नहीं दी जाती।
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