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MP News : भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन कानून व्यवस्था को लेकर तीखी बहस और हंगामा देखने को मिला। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश किया, जिसमें पुलिस को “दागी” तक करार दिया गया। विपक्ष ने नारेबाजी के साथ सदन से वॉकआउट किया, जबकि सत्तापक्ष ने जवाब में विपक्ष पर तीखा हमला बोला।
MP News : विपक्ष के गंभीर आरोप-
उमंग सिंघार ने कहा कि प्रदेश में 23,000 से अधिक महिलाएं लापता हैं, बलात्कार के मामलों में 19% की वृद्धि हुई है, और साइबर अपराध में 2025 में 250 करोड़ की धोखाधड़ी पकड़ी गई। उन्होंने ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में बढ़ते अपराधों पर कार्रवाई न होने का आरोप लगाया। सिंघार ने पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने और थाना प्रभारियों के खिलाफ जांच के बावजूद नियुक्तियों का दावा किया।
कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने पुलिस को “संगठित अपराधी गिरोह” करार देते हुए रेत माफियाओं के हौसले बुलंद होने का आरोप लगाया। पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने हरदा में शांतिपूर्ण धरने को हिंसा में बदलने और 25,000 पुलिस पदों के खाली होने का मुद्दा उठाया। पूर्व मंत्री सचिन यादव ने सरकार को “दागदार” बताया और सदन में गलत जवाब देने का आरोप लगाया।
MP News : सत्तापक्ष का पलटवार-
राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि सरकार अपना काम कर रही है और साइबर अपराध में वृद्धि टेक्नोलॉजी अपग्रेड के कारण है। उन्होंने दावा किया कि कोई भी थाना प्रभारी जांच के दायरे में नहीं है। मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था ठीक है, लेकिन “कांग्रेस में सब खराब है”। उन्होंने विपक्ष पर हंगामा और वॉकआउट करने का आरोप लगाया।
MP News : पीसीसी चीफ की चेतावनी-
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कानून व्यवस्था को “चौपट” बताया और लगातार आईपीएस-आईएएस तबादलों पर सवाल उठाए। उन्होंने गृह मंत्री को पद छोड़ने की मांग की। साथ ही, किसानों को आलू, प्याज, और लहसुन के उचित दाम न मिलने पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बंगले के बाहर धरना देने की चेतावनी दी।