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MP News : संस्कारधानी जबलपुर में मां नर्मदा की महिमा और श्रद्धा को नए स्वरूप में संजोने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया जा रहा है। सरयू नदी की तर्ज पर देश का पहला हाईटेक एवं अत्याधुनिक नर्मदा तट विकसित किया जा रहा है। यह परियोजना न केवल श्रद्धालुओं को आस्था से जोड़ेगी, बल्कि जबलपुर को राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।
MP News : करीब पौने दो किलोमीटर लंबे नर्मदा कॉरिडोर को तीन चरणों में विकसित किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 800 मीटर लंबाई वाले छह प्रमुख घाट खारीघाट, दरोगाघाट, गौरीघाट, उमाघाट, सिद्धघाट और जिलहरीघाट को एक-दूसरे से जोड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जल्द ही इस भव्य परियोजना का भूमिपूजन करेंगे।
MP News : लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने नर्मदा घाटों के विकास की घोषणा की थी। राकेश सिंह ने बताया कि वर्तमान में गौरीघाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़, अव्यवस्थित मार्ग और स्वच्छता संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए यह विकास कार्य अनिवार्य हो गया है।
MP News : नए स्वरूप में घाटों पर स्नान, पूजा, ध्यान और सांस्कृतिक आयोजनों के लिए उत्कृष्ट सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
खारीघाट पर जलकुंड, चेंजिंग रूम, मुंडन स्थल और छोटा नाव घाट बनेगा।
दरोगाघाट पर भव्य ‘नाव घाट’ और मां नर्मदा की कथा दर्शाते सुंदर म्युरेल्स लगाए जाएंगे।
संध्या आरती के लिए पांच भव्य मंच तैयार किए जाएंगे, जहां श्रद्धालु दिव्य वातावरण में आरती का आनंद ले सकेंगे।
MP News : पूजन व्यवस्था को स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए घाट क्षेत्र को दो भागों में बांटा जाएगा एक हिस्से में पुष्प अर्पण व दीपदान की व्यवस्था होगी ताकि पूजन सामग्री सीधे नदी में न जाए, जबकि दूसरे हिस्से में श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था रहेगी। घाटों के आसपास चेंजिंग रूम, निर्माल्य विसर्जन कुंड, तीर्थ पुरोहितों के बैठक स्थल, वॉच टॉवर और पूजन सामग्री की दुकानों का भी निर्माण किया जाएगा।
MP News : भीड़ और यातायात व्यवस्था को देखते हुए घाट क्षेत्र में पांच पार्किंग स्थल विकसित किए जाएंगे, जहां लगभग 900 दोपहिया और 700 चारपहिया वाहनों के लिए जगह होगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ग्वारीघाट तक पैदल मार्ग तैयार किया जाएगा, और वृद्ध व दिव्यांग जनों के लिए ई-कार्ट सेवा शुरू की जाएगी।
MP News : सुरक्षा की दृष्टि से घाटों पर संयुक्त कंट्रोल रूम और आधुनिक निगरानी प्रणालियाँ स्थापित होंगी। पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए सौर ऊर्जा चालित एलईडी लाइटें, अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम और एंटी-स्किड पत्थर लगाए जाएंगे। पत्थरों की सफाई के लिए वॉटर जेट सिस्टम और तेज बहाव से सुरक्षा हेतु विशेष फास्टनर लगाए जाएंगे।
MP News : इसके साथ ही गौरीघाट मुक्तिधाम को आधुनिक और सुव्यवस्थित मोक्षधाम का स्वरूप दिया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
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