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MP News : भोपाल : मध्य प्रदेश के जल संसाधन विभाग में 1300 करोड़ रुपये के कथित घोटाले का मामला सामने आया है, जिससे सरकारी तंत्र में हड़कंप मच गया है। अकाउंटेंट जनरल (AG) के ऑडिट में गैर-सरकारी एजेंसियों से प्राप्त फंड में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं। बताया जा रहा है कि यह राशि सरकारी खजाने के बजाय पब्लिक वर्क्स डिवीजन के अधिकारियों के निजी बैंक खातों में जमा हो गई। मार्च 2023 तक कुल 11,311 करोड़ रुपये के फंड में गड़बड़ी का खुलासा हुआ है, जिसमें 1300 करोड़ से अधिक राशि अधिकारियों ने अपने खातों में ट्रांसफर कर ली।
MP News : AG की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 के वित्तीय नियमों का पालन नहीं किया गया। ट्रेजरी के खातों में जमा होने वाली राशि को बिना किसी वैध कारण के अधिकारियों के व्यक्तिगत खातों में डायवर्ट किया गया। इससे विभाग के आधिकारिक खातों में कैश बैलेंस शून्य दिख रहा है। ऑडिट में पाया गया कि गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) और अन्य एजेंसियों से प्राप्त धन का दुरुपयोग किया गया, जो सिंचाई और जल संरक्षण योजनाओं के लिए था।
MP News : इस खुलासे के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह विभागीय भ्रष्टाचार का चरम है, और दोषी अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन स्रोतों के अनुसार, विभाग ने AG की रिपोर्ट पर जांच समिति गठित करने की तैयारी की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घोटाला न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि जल संरक्षण योजनाओं को भी प्रभावित करेगा।
MP News : सरकार ने AG की सिफारिशों पर अमल का आश्वासन दिया है। दोषी अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के साथ-साथ आपराधिक मामला दर्ज करने की संभावना जताई जा रही है। यह मामला मध्य प्रदेश में वित्तीय पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर रहा है, और जनता की नजरें सरकार की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं।