MP Industrial Conclave : मप्र को लगेंगे विकास के पंख औद्योगिक निवेश के लिए मध्य प्रदेश तैयार 20 जुलाई को जबलपुर में होगी इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव MP में निवेश के लिए आगे आए अंबानी-महिंद्रा जैसे उद्योगपति
एमपी में अंबानी की कंपनी करेगी निवेश अगस्त में ग्वालियर में होगी कॉन्क्लेव मध्य प्रदेश अपना सपना पूरा करने जा रहा है सपना औद्योगिक निवेश का, सपना युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का।
विकास के पंख लगाते हुए मध्य प्रदेश अब ऊंची उड़ान भरने के लिए तैयार होता हुआ नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में औद्योगिक निवेश के लिए सरकार ने काम करना शुरू कर दिया है।
एमपी में इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव की शुरूआत उज्जैन से हुई. अब अगला इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव जबलपुर में होने वाला है। 20 जुलाई को प्रदेश की संस्कार धानी जबलपुर में रीजनल इंडस्ट्रीज कांक्लेव का आयोजन होने जा रहा है। एमपी में होने
वाले 6 रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव होंगे। इसकी शुरूआत उज्जैन से हो चुकी हैं। इसके बाद ऐसे ही कॉन्क्लेव अलग-अलग शहरों में आयोजित किए जाएंगे। इसके ज़रिए प्रदेश में रोजगार के नए अवसर मिलेंगे. देश के बड़े उद्योगपति अंबानी, महिंद्रा भी मप्र में निवेश करने
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वाले हैं।उज्जैन में मार्च में हुई प्रदेश की पहली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 1 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले थे, 6 महीने के अंदर सरकार जबलपुर में दूसरा बड़ा आयोजन कर रही है। सरकार इससे भी दोगुना निवेश लाने की तैयारी में है। इसमें फोकस कृषि-डिफेन्स से जुड़े
उद्योगों पर होगा। इस आयोजन में देश विदेश के 1500 निवेशक भाग लेंगे। समिट के आयोजन से पहले ही सरकार को लगभग 80 हजार करोड़ के प्रस्ताव मिल चुके हैं। एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन का अनुमान है कि इन प्रस्तावों से लगभग 1.25 लाख नौकरियां
मिलेंगी। अधिकारियों का मानना है कि समिट के दौरान लगभग 2 लाख करोड़ का निवेश आ सकता है। इस आयोजन में ताइवान -मलेशिया सहित कई देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस आयोजन के माध्यम से सरकार डिफेन्स सेक्टर को रिवाइव करने की तैयारी में हैं।
पूरे महाकौशल क्षेत्र के कृषि सेक्टर को भी फूड प्रोसेसिंग का हब बनाने की तैयारी है। जबलपुर में हरी मटर, दूध का उत्पादन बड़ी मात्रा में होता है। फूड प्रोसेसिंग सुविधाओं की जरुरत है। नरसिंहपुर में दाल, गुड़, गन्ना का बड़ा उत्पाद है।
बालाघाट कई तरह के बढ़िया चावल और मिनरल्स का गढ़ है। पांढुर्ना संतरों का बहुत बड़ा मार्केट है। छिंदवाड़ा में मक्का-गन्ना बड़ी मात्रा में होता है। जबलपुर और आसपास के क्षेत्र में बॉक्साइट, डोलोमाइट, लाइमस्टोन, लेटराइट -आयरन ओर, लेटराइट, मैगनीज और कॉपर जैसे
सभी मिनरल्स उपलब्ध हैं पर कोई प्रोसेसिंग यूनिट नहीं लग सकी है। इसी तरह शहर से हर साल हजारों आईटी प्रोफेशनल तैयार होते हैं। आईटी हब बनने की भी संभावना है। पिछले साल प्रदेश में डिफेंस -एयरोस्पेस सेक्टर को विकसित करने के लिए पाॅलिसी बनी थी।
7 साल में प्लांट -मशीनरी पर किए निवेश पर अधिकतम 300 करोड़ सब्सिडी मिलेगी। कंपनी कोई पेटेंट फाइल करे तो हर पेटेंट के लिए सरकार 25 लाख सहायता देगी। रिसर्च -डेवलपमेंट में निवेश हुआ तो 10 करोड़ तक सब्सिडी।
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उत्पादन शुरू हुआ तो ट्रेनी रखने पर सरकार उन्हें तीन महीने तक हर महीने 10000 रुपए अपनी तरफ से देगी। 1000 करोड़ से ज्यादा निवेश तो सरकार खुद सड़क -बिजली सप्लाई की व्यवस्था करेगी।
अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के मुखिया अनिल अंबानी जबलपुर में डिफेंस सेक्टर में बड़ा निवेश लाने की तैयारी में हैं। उन्होंने 50 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव रखा है। 2023 में भी सरकार ने प्रदेश में डिफेंस क्लस्टर विकसित करने का प्रस्ताव रखा था
पर अभी कोई खास सफलता नहीं मिली है। सीएम डॉ. मोहन यादव निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए कोयंबटूर, बेंगलुरू, दिल्ली, मुंबई में आने वाले समय में रोड शो करेंगे।
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