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मारबर्ग वायरस: जानिए इससे जुड़ी अहम बातें
हालिया खबरों के अनुसार, रवांडा में मारबर्ग वायरस के प्रकोप के कारण अब तक 6 लोगों की मृत्यु हो चुकी है और 26 लोग संक्रमित हुए हैं। संक्रमितों में अधिकांश स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं, जो इस प्रकोप की गंभीरता को दर्शाता है।कैसे फैलता है मारबर्ग वायरस?
- यह वायरस मुख्यतः जंगली चमगादड़ों, विशेष रूप से राउसेस एजिप कस (Rousettus aegyptiacus) प्रजाति के चमगादड़ों के संपर्क से फैलता है।
- संक्रमित व्यक्ति के रक्त, शरीर के तरल पदार्थों, या संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आने से यह दूसरों में फैल सकता है।
मारबर्ग वायरस का परिचय
मारबर्ग वायरस फ्लू वायरस परिवार का सदस्य है, जिसमें घातक इबोला वायरस भी शामिल है। यह वायरस गंभीर बुखार, आंतरिक रक्तस्राव और अंग विफलता जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है, जो संक्रमित व्यक्ति के लिए घातक साबित हो सकता है।प्रमुख लक्षण
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- खून का बहना (आंतरिक और बाहरी)
- थकावट और कमजोरी
क्या है रोकथाम का उपाय?
- सावधानीपूर्वक संपर्क से बचाव: संक्रमित व्यक्ति और जानवरों के संपर्क से बचें।
- संक्रमण नियंत्रण: व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (PPE) का उपयोग करें।
- स्वच्छता: शरीर के तरल पदार्थों और दूषित सतहों को ठीक से साफ करें।
निष्कर्ष
मारबर्ग वायरस के प्रकोप ने एक बार फिर स्वास्थ्य तंत्र को सतर्क कर दिया है। यह वायरस न केवल तेज़ी से फैलता है बल्कि गंभीर जटिलताएं भी पैदा करता है। इस प्रकोप के खिलाफ सतर्कता और त्वरित कार्रवाई से ही जानमाल के नुकसान को कम किया जा सकता है।Discover more from ASIAN NEWS BHARAT
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