
Maratha Military Landscapes
Maratha Military Landscapes: नई दिल्ली/पेरिस। भारत के लिए गर्व का एक और क्षण सामने आया है। छत्रपति शिवाजी महाराज की सैन्य दूरदर्शिता और स्थापत्य कला को दर्शाने वाले ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ के अंतर्गत 12 ऐतिहासिक किलों को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल कर लिया गया है। यह निर्णय यूनेस्को की 47वीं विश्व धरोहर समिति (WHC) की पेरिस में चल रही बैठक के दौरान लिया गया, जहां दुनियाभर के 32 नए स्थलों के नामांकन पर विचार किया गया।
भारत की ओर से यह नामांकन वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किया गया था, जिसे 6 से 16 जुलाई के बीच समीक्षा के बाद स्वीकृति मिली। इस ऐतिहासिक फैसले के साथ ही शिवाजी महाराज की सैन्य और स्थापत्य विरासत को वैश्विक मान्यता मिल गई है।
‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ क्या है?
‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ उन किलों और किलेबंद क्षेत्रों को दर्शाता है जो 17वीं से 19वीं सदी के बीच विकसित किए गए थे। ये किले केवल सामरिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं थे, बल्कि इनमें तत्कालीन सैन्य योजना, वास्तुशिल्प कौशल और प्राकृतिक परिस्थितियों का अनोखा तालमेल देखने को मिलता है। इन किलों को विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों पर्वत, समुद्री तट और मैदानी इलाकों में इस प्रकार निर्मित किया गया था कि वे दुश्मन के लिए चुनौतीपूर्ण बनें और मराठा साम्राज्य की शक्ति को प्रतिबिंबित करें।
विश्व धरोहर सूची में शामिल ये 12 ऐतिहासिक किले:
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- रायगढ़ किला
- राजगढ़ किला
- प्रतापगढ़ किला
- शिवनेरी किला
- लोहगढ़ किला
- सिंधुदुर्ग किला
- विजयदुर्ग किला
- सुवर्णदुर्ग किला
- साल्हेर किला
- पन्हाला किला
- खांदेरी किला
- जिन्जी किला (तमिलनाडु)
इन किलों की पहचान शिवाजी महाराज की युद्ध नीति, गुप्त संरचना, जल आपूर्ति प्रणाली और शत्रु की घेराबंदी से बचाव जैसे अद्वितीय सैन्य नवाचारों के लिए होती है।
Indeed, it’s an amazing moment for Maharashtra and India !
Thank you Sir for all your efforts and support to make this possible!@gssjodhpur #unescoworldheritage https://t.co/WNkssWAkXP— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) July 11, 2025
भारत में खुशी की लहर, मुख्यमंत्री ने जताया गर्व
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस ऐतिहासिक मान्यता को “महाराष्ट्र और भारत के लिए गौरवशाली क्षण” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा “यह सचमुच एक अद्भुत उपलब्धि है! यूनेस्को की यह मान्यता छत्रपति शिवाजी महाराज के युगांतकारी नेतृत्व और मराठा साम्राज्य की असाधारण सैन्य ताकत का वैश्विक सम्मान है। जय भवानी, जय शिवाजी!”
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य मंत्री आशीष शेलार को इस उपलब्धि के लिए धन्यवाद देते हुए इसे “टीम प्रयास की जीत” बताया।
भारत की ओर से यूनेस्को में दमदार प्रस्तुति
पेरिस में आयोजित WHC सत्र में जब भारत के प्रतिनिधियों ने मराठा किलों को विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने की घोषणा की, तो पूरे हॉल में उत्साह का माहौल देखा गया। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कहा “यह हमारे लिए गर्व का क्षण है कि भारत के सबसे महान योद्धा, छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को ‘Outstanding Universal Value’ के रूप में पहचान दी गई है। यह विश्व समुदाय के लिए भारतीय सैन्य इतिहास और सांस्कृतिक परंपरा से जुड़ने का एक अनूठा अवसर है।”
मूल्यांकन प्रक्रिया और चयन के नियम
यूनेस्को की ऑपरेशनल गाइडलाइंस 2023 के अनुसार, हर देश एक वर्ष में केवल एक नामांकन भेज सकता है। भारत ने इस वर्ष ‘मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स’ को चुना, जिसे ऐतिहासिक विरासत, रणनीतिकता और स्थापत्य की दृष्टि से सर्वोत्तम माना गया। 11 से 13 जुलाई के बीच समिति ने भारत समेत अन्य देशों के नामांकनों पर गहन चर्चा और समीक्षा की।
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