
Mahakumbh 2025: पंचायती अखाड़ा निरंजनी के वरिष्ठ महामंडलेश्वर महाराज जी ने साझा किए संदेश....
Mahakumbh 2025: प्रयागराज : प्रयागराज में जारी महाकुंभ के पावन अवसर पर पंचायती अखाड़ा निरंजनी के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी सोमेश्वरानंद गिरी महाराज ने एशियन न्यूज़ से विशेष बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सनातन धर्म की प्राचीनता, इसकी महत्ता और समाज में इसकी भूमिका पर अपने गहन विचार साझा किए।
स्वामी सोमेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म मानवता का आधार है और यह धर्म केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया को सत्य, अहिंसा, और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म का उद्देश्य सभी प्राणियों के कल्याण और जगत के सामूहिक उत्थान में निहित है। इसकी शिक्षाएं मानवता के लिए एक मार्गदर्शक सिद्धांत हैं।”
महाकुंभ के महत्व को उजागर करते हुए उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति और सनातन परंपराओं का उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि यह समाज को जोड़ने और हमारे प्राचीन ज्ञान को दुनिया तक पहुंचाने का एक माध्यम है।
Mahakumbh 2025: युवाओं के लिए संदेश
स्वामी जी ने युवाओं से अपील की कि वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को समझें और उनका सम्मान करें। “आज के समय में, जब आधुनिकता और तकनीक ने हमारे जीवन को प्रभावित किया है, हमें अपनी जड़ों से जुड़े रहकर अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए,” उन्होंने कहा।
Mahakumbh 2025: सनातन धर्म की वैश्विक प्रासंगिकता
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सनातन धर्म की शिक्षाएं हर युग और समय में प्रासंगिक रही हैं। गीता, वेद और उपनिषदों के संदेश आज भी मानवता को शांति और समृद्धि का मार्ग दिखाते हैं।
अंत में, स्वामी सोमेश्वरानंद गिरी महाराज ने महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की जीवंतता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह आयोजन हमें हमारी विरासत से जोड़ता है और विश्व को हमारी परंपराओं की महानता से परिचित कराता है। उनका संदेश महाकुंभ में उपस्थित श्रद्धालुओं और समस्त समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
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