Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान आयोजित सनातन धर्म संसद में सनातन बोर्ड के गठन को लेकर संतों के बीच कई मतभेद उभरकर सामने आए हैं। इस मुद्दे पर संतों और अखाड़ों के बीच एकता स्थापित नहीं हो पा रही है। कुछ संतों का कहना है कि देवकीनंदन ठाकुर खुद इस बोर्ड के अध्यक्ष बनना चाहते हैं, जिससे मतभेद और गहरे हो गए हैं।
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में आयोजित सनातन धर्म संसद में देवकीनंदन ठाकुर ने भावुक होकर अपना पक्ष रखा और स्पष्ट किया कि वे किसी पद के इच्छुक नहीं हैं, बल्कि सनातन धर्म की भलाई के लिए सनातन बोर्ड की मांग कर रहे हैं। हालांकि, कुछ संतों का कहना है कि ठाकुर साहब खुद अध्यक्ष बनने की इच्छा रखते हैं, जिससे विवाद और गहरा हो गया है। देवकीनंदन ठाकुर ने सोशल मीडिया पर भी लिखा कि वे न पद चाहते हैं, न प्रतिष्ठा, उनका उद्देश्य केवल सुरक्षित हिंदुस्तान की स्थापना है।
Mahakumbh 2025: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज धर्म संसद में शामिल नहीं हुए, जिससे सनातन बोर्ड के मुद्दे पर सहमति की संभावनाएं और कमजोर हो गईं। कई संत अभी भी इस प्रस्ताव पर एकमत नहीं हो पा रहे हैं, जिससे इस पर और गहन चर्चा की आवश्यकता महसूस हो रही है। सनातन बोर्ड के प्रस्ताव में मथुरा में श्री कृष्ण के भव्य मंदिर निर्माण, मठ-मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने, गौ रक्षा, लिविंग रिलेशनशिप पर रोक और सनातनी लोगों के बीच विवाह जैसे विषय शामिल हैं। महाकुंभ में आए संत-महात्माओं और श्रद्धालुओं ने इन प्रस्तावों पर अपनी राय दी और इस मुद्दे पर चर्चा की।
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