
Mahakumbh 20025: महाकुंभ के समापन पर रच गया नया इतिहास, गिनीज बुक में बनाया 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड, जाने...
प्रयागराज। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ 2025 का भव्य समापन हो गया। 13 जनवरी से शुरू हुए इस ऐतिहासिक आयोजन में 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इस महाकुंभ ने न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि स्वच्छता और कला के क्षेत्र में भी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में तीन नए कीर्तिमान दर्ज कराए।
गिनीज बुक में दर्ज हुए महाकुंभ के ये तीन विश्व रिकॉर्ड
1. सबसे बड़ा गंगा सफाई अभियान
360 लोगों की टीम ने संगम के चार अलग-अलग स्थानों पर सफाई अभियान चलाया, जो एक नया विश्व रिकॉर्ड बन गया। यह रिकॉर्ड सामूहिक स्वच्छता प्रयासों को प्रोत्साहित करने का एक ऐतिहासिक उदाहरण बना।
2. सबसे ज्यादा लोगों द्वारा सामूहिक हैंड पेंटिंग
इस महाकुंभ में 10,102 लोगों ने एक साथ हैंड प्रिंट पेंटिंग कर नया कीर्तिमान स्थापित किया।
इससे पहले यह रिकॉर्ड 7,660 लोगों का था।
इस रिकॉर्ड ने कला और आध्यात्मिकता के अद्भुत संगम को दर्शाया।
3. सबसे बड़े सामूहिक झाड़ू अभियान का रिकॉर्ड
महाकुंभ में 19,000 लोगों ने एक साथ झाड़ू लगाकर सफाई अभियान को सफल बनाया।
इससे पहले यह रिकॉर्ड 10,000 लोगों का था।
यह रिकॉर्ड स्वच्छता के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने में एक ऐतिहासिक पहल साबित हुई।
Mahakumbh 20025: CM योगी ने किया ‘रिकॉर्ड महाकुंभ’ का ज़िक्र
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन रिकॉर्ड्स पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए ‘X’ (ट्विटर) पर लिखा:
“आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में प्रयागराज महाकुंभ-2025 भारतीय परंपराओं की गौरव गाथा को विश्वपटल पर नए आयाम प्रदान कर रहा है।
इस महाकुंभ ने स्वच्छता और कला के क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रयास कर ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स’ में अपना नाम दर्ज कराया है।”
रेलवे ने चलाईं 16,000 से ज्यादा ट्रेनें
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रयागराज महाकुंभ के सफल आयोजन पर रेल कर्मियों को बधाई दी। महाकुंभ के दौरान 13,000 ट्रेनों का संचालन तय था, लेकिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए 16,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया गया। रेलवे की इस पहल से देशभर से आए श्रद्धालुओं को कुंभ में शामिल होने में सुविधा मिली।
Mahakumbh 20025: 45 दिन तक चला विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक समागम
प्रयागराज में 45 दिनों तक चला यह महाकुंभ, दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक एवं आध्यात्मिक आयोजन साबित हुआ। श्रद्धालुओं की 66.30 करोड़ की अभूतपूर्व भागीदारी ने इसे एक ऐतिहासिक आयोजन बना दिया। संगम तट पर उमड़ी आस्था की यह लहर आने वाले वर्षों तक याद रखी जाएगी। प्रयागराज महाकुंभ 2025 अपने भव्य और दिव्य आयोजन के साथ संपन्न हुआ, लेकिन इसके द्वारा बनाए गए विश्व रिकॉर्ड हमेशा स्वच्छता, संस्कृति और आध्यात्मिकता का संदेश देते रहेंगे।
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