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अलीगढ़ : अलीगढ़, जो अपने ताले और तालीम के लिए प्रसिद्ध है, अब एक नई पहचान बना रहा है। अलीगढ़ जिला कारागार में बंद कैदी ताले बनाने में व्यस्त हैं, जिन्हें आगामी महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं को सस्ते दामों पर बेचा जाएगा। इन ताले का उपयोग प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए किया जाएगा, और साथ ही इन्हें देश-विदेश में भेजा जाएगा।
अलीगढ़ जिला कारागार में रोजाना करीब 1200 ताले बनाए जा रहे हैं। इस पहल से कैदियों को अपनी कला और कौशल को सुधारने का एक बेहतरीन अवसर मिलेगा। जेल अधीक्षक, विजेंद्र सिंह यादव के अनुसार, इस बार महाकुंभ के आयोजन में जेल विभाग का विशेष स्टॉल भी लगाया जाएगा, जिसमें कैदियों द्वारा बनाए गए ताले और लकड़ी से बने सामानों की प्रदर्शनी होगी। श्रद्धालु इन वस्तुओं को किफायती दामों पर खरीद सकेंगे।
कैदियों द्वारा बनाए जा रहे सामानों में शिवलिंग, ओम, संघ और अन्य धार्मिक प्रतीकों के अलावा, ताले भी शामिल हैं। इस पहल से न केवल अलीगढ़, बल्कि अन्य स्थानों पर भी इन सामानों का उपयोग किया जा रहा है। जेल में एक छोटी इकाई स्थापित की गई है, जहां कैदी रोजाना विभिन्न सामान तैयार करते हैं, जो देशभर में भेजे जाते हैं।
जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदी विनोद कुमार ने बताया कि वह पिछले दस महीने से ताला बनाने का काम सीख रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारे अलीगढ़ के ताले अब देश-विदेश में प्रसिद्ध हैं और ये महाकुंभ में भी भेजे जाएंगे। हम सभी अधिकारियों का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने हमें रोजगार की दिशा में आगे बढ़ने का मौका दिया है।”
विनोद ने आगे कहा, “हम रोजाना लगभग 1200 से 1300 ताले तैयार करते हैं और यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि हम इस काम को करके अपने जिले का नाम रोशन कर रहे हैं।”
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